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महाकाल मंदिर में सबसे पहले जली होली, श्रद्धालुओं पर उड़ाया रंग-गुलाल


उज्जैन। देशभर में भले ही धुलेंडी का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा, लेकिन बाबा महाकाल के दरबार में 6 मार्च की शाम को होली मनाई गई। ग्वालियर पंचांग और कैलेंडर के अनुसार यहां संचालित होने वाले अन्य पर्व की शृंखला में 6 मार्च को संध्या आरती के दौरान पुजारी-पुरोहितों ने मंदिर प्रांगण में होलिका का विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया। सबसे पहले हर त्योहार की शुरुआत बाबा महाकाल के आंगन से होती है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।इस अवसर पर पुजारी परिवार की महिलाओं ने पूजा विधि में हिस्सा लिया। मुख्य पुजारी घनश्याम गुरु ने होलिका दहन किया। सुबह जहां 8 क्विंटल फूलों की होली खेली गई, वहीं संध्या आरती में उपस्थित श्रद्धालुओं पर जमकर रंग-गुलाल उड़ाया गया। वहीं अब मंगलवार को तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती में भी श्रद्धालुओं पर रंगों की वर्षा की जाएगी।

होलिका का पूजन मुहूर्त
इस बार होली की तिथि को लेकर कई भ्रांतियां हैं। ऐसे में उज्जैन के ज्योतिर्विद पं. चंदन व्यास ने बताया कि प्रमाणित तिथि 6 मार्च को पूर्णिमा तिथि शाम 6.19 से प्रारंभ हो गई है, जो 7 मार्च मंगलवार को शाम 6.10 बजे तक रहेगी। पं. व्यास के अनुसार 6 मार्च को शाम 4.16 बजे से भद्रा प्रारंभ हुई, जो 7 मार्च की सुबह 5.14 तक रहेगी। 7 मार्च मंगलवार की सुबह 5 बजकर 14 मिनट के बाद होलिका दहन करना संपूर्ण विश्व के लिए शुभ रहेगा। सभी को होली धुलेंडी पर्व मंगलवार को मनाने की आज्ञा शास्त्र देता है।

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