top header advertisement
Home - उज्जैन << नृत्य शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए जरूरी है"

नृत्य शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए जरूरी है"


नृत्य शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए जरूरी है उक्त उदगार नई दिल्लीकी प्रसिद्ध नृत्यांगना सुश्री शिप्रा जोशी ने स्पीक मैके एवं तक्षशिला शैक्षणिक संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित  चार दिवसीय कत्थक कार्यशाला श्रंखला के  तृतीय दिवस गुरुवार  को प्रातः 10:45बजे शासकीय माध्यमिक विद्यालय ग्राम निनोरा पर कहे।  जयपुर घराने की शिप्रा ने अपने नृत्य का आरंभ आदि शंकराचार्य द्वारा रचित, समीर उल्ला खान द्वारा स्वरबध एवं झपताल में निबंद वेद सार महेश सुरेशम सूरादि  नाशम ....."पर नृत्य कर शिव के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाते हुए ग्रामीण छात्र छात्राओं को अचंभित कर दिया। तत्पश्चात उन्होंने कथक नृत्य की विशेषताओं को बताते हुए भारत के 8 शास्त्रीय नृत्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में कलाकारों का स्वागत प्रधानाध्यापिका श्रीमती धर्मिष्ठा वाघमारे ने किया।

स्पीक मेंके राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पंकज अग्रवाल ने बताया कि सुश्री शिप्रा ने अपनी द्वितीय प्रस्तुति अपराहन 12:15 बजे. उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज इंदौर रोड में दी यहां उन्होंने नृत्य की शुरुआत गणेश वंदना "प्रथम सुमिरो श्री गणेश"  द्वारा की ।आगे उन्होंने युवा तकनीकी छात्र-छात्राओं से संवाद कायम करते हुए कथक नृत्य एवं गणित के सामंजस्य को समझाया। तत्पश्चात राधा एवं कृष्ण की एक रासलीला प्रस्तुत की जिसमें भगवान कृष्ण से राधा की चूड़ी टूट जाने पर कृष्ण के राधा को मनाने का मनोहारी चित्रण कर अपनी अभिनय दक्षता को दर्शाया। अंत में तराना का प्रस्तुतीकरण कर अपनी तकनीकी दक्षता को उजागर किया। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर अप़तुलचंद शुक्ला एवं अंत में आभार प्रोफेसर अंजनी कुमार द्विवेदी ने माना। संचालन छात्रा प्राची शर्मा ने किया।
स्पीक मैके राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री पंकज अग्रवाल ने बताया की सुश्री शिप्रा की प्रथम प्रस्तुति प्रातः 9:15 बजे शासकीय बालक छात्रावास दशहरा मैदान, एवं द्वितीय प्रस्तुति प्रातः 10:30 बजे शासकीय माध्यमिक विद्यालय ग्राम दताना देवास रोड पर होगी।

Leave a reply