बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की भोपाल तक पैदल यात्रा
उज्जैन मध्य प्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के निष्कासित कर्मचारियों ने अपनी मांगों के साथ उज्जैन से भोपाल तक एक पैदल यात्रा प्रारंभ की है। इसमें एक हजार कर्मचारियों द्वारा भोपाल में सीएम के सामने अपनी मांग रखने की बात कही गई है।संगठन के प्रदेश भर से हाल ही में निष्कासित हुए एक हजार कर्मचारी ने महाकाल मंदिर में पूजन कर अपनी 200 किमी की भोपाल तक की पैदल यात्रा शुरू की। मध्य प्रदेश की बिजली सेक्टर के ऑउटसोर्स कर्मचारियों ने सविनय निवेदन पद यात्रा नाम से शुक्रवार सुबह यात्रा प्रारंभ की ,जो की आगामी 14 फरवरी को भोपाल पहुचेंगी। इस दौरान अलग अलग जिले के कर्मचारी उनसे जुड़ते जाएंगे। महाकाल मंदिर से शुरू हुई यात्रा में करीब 150 लोग शामिल थे। देर रात तक यात्रा देवास पहुंच गई थी, जिसमें देवास सहित बागली कन्नोद और अन्य जगह के कर्मचारी भी यात्रा में शामिल हुए।
कर्मचारियों की मांगें
कर्मचारी विभागों से सीधे वेतन देकर विभागीय संविलयन करने एवम गत जनवरी में हुए आउटसोर्स आंदोलन के दौरान हटाए गए 1000 आउट सोर्स कर्मचारी और 50 से अधिक संविदा कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने सहित उन्हें ब्लैक लिस्ट सूची हटाने की मांग कर रहे है। मध्य प्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव एवं महामंत्री राहुल मालवीय ने बताया कि जिस प्रकार राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य में ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। ठीक उसी प्रकार राजस्थान सरकार से प्रेरणा लेकर मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बिजली सेक्टर सहित प्रदेश के सभी विभागों में एक सरकारी कंपनी बना कर ठेकेदारों के स्थान पर सीधे सरकारी कंपनी से वेतन देने की घोषणा करना चाहिए। सभी कर्चारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपकर अपनी मांग रखेंगे।
निष्कासित कर्मचारियों को यात्रा
कर्मचारियों ने बताया कि यात्रा में 21 से 26 तक चले मध्य प्रदेश बिजली ऑउट सोर्स कर्मचारी संगठन और संविदा कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद सरकार ने करीब एक हजार कर्मचारियों को निष्कासित कर दिया था। इसके बाद से सभी को दोबारा काम पर रखने की मांग के साथ साथ अन्य मुद्दों पर सरकार से खींचतान चल रही थी। आज राजस्थान सरकार के फैसला आने के बाद सभी लोग यात्रा पर निकल पड़े है।