करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी घाटों पर पसरी गंदगी
उज्जैन| पर्यटन को बढ़ावा देने पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं वहीं रामघाट जैसे प्रमुख स्थान तक व्यवस्थित नहीं है। रामघाट व आसपास के घाटों की सफाई के लिए अलग अलग शिफ्ट में 42 कर्मचारी नियुक्त हैं फिर भी कहीं कचरे के ढेर तो कहीं गंदा पानी का फैला मिलता है। इतना ही नहीं दुकानों के अतिक्रमण ने भी घाट की खूबसूरती को दागदार कर रखा है। गुरुवार को महापौर मुकेश टटवाल ने रामघाट पर बन रहे सुविधाघर का निरीक्षण करने पहुंचे तो घाट पर पसरी गंदगी भी सामने आई। एक जगह खराब दोने-पत्तल फैले हुए थे वहीं थोड़ी दूरी पर कचरे का ढेर जमा था। हैडपंप का पानी आसपास फैल रहा था जिससे गंदगी हो रही थी। पूछने पर मेट नीरज ने बताया कि सफाई के लिए सभी घाटों पर कुल 42 कर्मचारी नियुक्त हैं। महापौर ने सफाई व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए सुधार के निर्देश दिए।