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महाकाल की नगरी उज्जैन में कुम्भ सा नजारा


उज्जैन। भगवान महाकाल की आस्था में साल के पहले दिन उमड़े लाखों भक्तों की उपस्थिति ने उज्जैन में सिहंस्थ महापर्व की याद ताजा कर दी। नव वर्ष पहला दिन तो ट्रेनों में जगह नही, बसें भी फुल थी और निजी वाहनों से आए श्रद्धालुओं के कारण शहर के रास्ते भी जाम हो गए। कई मार्गो पर तो पैर रखने की जगह नही थी। उम्मीद से अधिक श्रद्धालु महाकाल की नगरी में पहुंचे थे। महाकाल के दर्शन के लिए देश भर से श्रद्धालु शहर पहुंचे थे। जो उम्मीद थी उससे कहीं अधिक श्रद्धालु धार्मिक नगरी में आ गए थे। हालत यह थी कि रेलवे स्टेशन पर उज्जैन की ओर आने वाली एक्सप्रेस ट्रेन के अलावा प्रतिदिन चलने वाली लोकन ट्रेनों में भी भीड़ का सैलाब ही दिखाई दिया। रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालु ट्रेन आते ही चढऩे के लिए जद्दोजहद करते रहे। वहीं कई लोगों ने तो अपनी जान की परवाह किए बिना ही मालगाड़ी के डिब्बे पार करते हुए नजर आए। ट्रेन के डिब्बे में चढऩे के लिए भी कई श्रद्धालु एक दूसरे को धक्का-मुक्की करते डिब्बे में घुसने का प्रयास करते दिखे। यही स्थिति बस स्टैंड की रही। संभाग के अलग-अलग जिलों की ओर चलने वाली बसें ठसाठस भरी रही। खास कर इंदौर, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदासौर, नीमच की बसें फुल रही। स्थिति यह थी कि नए साल में उज्जैन में सिंहस्थ जैसा नजारा रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड दिखाई दिया।

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