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*क्षीरसागर के नारायण....नारायण प्रसाद शर्मा, ना भूतो ना भविष्यति*


*विश्वास शर्मा "विशु" *उज्जैन |* महिदपुर के पूर्व विधायक, उज्जैन जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ अभिभाषक पंडित नारायण प्रसाद शर्मा का 8 नवंबर को देर रात निधन हो गया | अस्वस्थता के चलते दो दिन पहले उन्हें निजी अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती कराया गया था |8 नवंबर की शाम मल्टी ऑर्गन फेलियर होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था |आप 91 वर्ष के थे | *उज्जैन के क्षीरसागर से नारायण* सब कुछ छोड़ कर अनन्त यात्रा पर निकल गए | 40 के दशक में लगभग 77 साल पहले उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील के सबसे बड़े गांव जगोटी से पढ़ाई करने उज्जैन जिला मुख्यालय पर आए ग्रामीण युवा *बाबू* (जी हां वरिष्ठ अभिभाषक नारायण प्रसाद शर्मा का निकनेम बाबू ही था) पढ़ लिख कर अपना इतना बड़ा नाम करेगा कि उनका नाम ही उनके कुल, उनके गांव, उनकी तहसील और उनके जिले की पहचान बन जाएगा | जगोटी के वैद्यराज पंडित राम प्रसाद शर्मा के पांच पुत्रों में से तीसरे नंबर के पुत्र नारायण प्रसाद शर्मा ने परिवहन और संचार सुविधाओं के अभाव के बावजूद उज्जैन में रहकर न केवल अपने बलबूते पर पढ़ाई की,वरन पढ़ लिख कर वकालत की डिग्री हासिल की और वकालत में वह महारत हासिल की जिससे शर्मा परिवार और गांव का बाबू *नारायण प्रसाद शर्मा अभिभाषक* के रूप में पूरे संभाग भर में छा गया | *सबका साथ देने के स्वभाव ने बनाया सबका अपना* • उज्जैन की वकालत में स्थापित होने के बाद *नारायण ने क्षीर सागर में ही निवास किया* तब क्षीरसागर कॉलोनी नई नई बसी थी और क्षीरसागर में नारायण को बसना तय ही था | पूरे शहर में और जाति - समाज में शर्मा परिवार की मिसाल सामूहिक परिवार के रूप में दी जाती थी,जहां पांच भाइयों का संयुक्त परिवार निवास करता था | सामूहिक परिवारों के विघटन के उस प्रारंभिक दौर में शर्मा परिवार सामूहिक परिवार की मिसाल कायम किए रहा | *विश्वसनीयता का दूसरा नाम थे शर्मा जी* परिवार हो,गांव हो ,समाज हो, पेशा हो, या राजनीति हो हर क्षेत्र में नारायण प्रसाद शर्मा को विश्वसनीयता के प्रेरणा पूंज के रूप में देखा जाता था | योग्यता के आधार पर राजनीति में प्रवेश करने के बाद पंडित नारायण प्रसाद शर्मा एडवोकेट ने प्रदेश की राजनीतिक राजधानी भोपाल में भी काबिलियत के जरिए अपनी पैठ कायम की | विश्वसनीयता पर खरा उतरने के कारण ही नारायण प्रसाद शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा के खास बन गए और मिश्रा जी के साथ ही पंडित श्यामाचरण शुक्ला के भी उतने ही विश्वसनीय और पारिवारिक करीबी बन गए | *सत्तर के दशक में विधायक और अस्सी-नब्बे के दशक में जिला कांग्रेस अध्यक्ष* 70 के दशक में जगोटी निवासी नारायणप्रसाद शर्मा महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में निर्वाचित होकर विधायक बने | 70 से 90 के दशक के बीच नारायण प्रसाद शर्मा की कांग्रेस की पकड़ का यह आलम था कि उन्हें विधानसभा महिदपुर से कांग्रेस ने तीन बार आगे रहकर टिकट दिया | तब सियासी हलके में यह बात मशहूर थी के भोपाल में जब बड़े नेताओं में जिलों के टिकट वितरण को लेकर रायशुमारी चलती थी,तब पहले डीपी मिश्रा और बाद में पंडित श्यामाचरण शुक्ला उज्जैन जिले से एक और सिर्फ एक ही नाम नारायण प्रसाद शर्मा का अपनी ओर से प्रत्याशी के रूप में बड़ी ताकत से रखते थे | इसके पहले वकालत के क्षेत्र में अपना परचम फहराते हुए वह बार एसोसिएशन उज्जैन के अध्यक्ष भी बने | श्री शर्मा 80 से 90 के दशक में सत्रह साल से अधिक समय तक उज्जैन जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सफलतापूर्वक काबिज रहे | *सियासत और वकालत में इंसानियत रही बरकरार* ईमानदारी और इंसानियत के बूते पर ही राजनीति की काली कोठरी से बेदाग साफ़ बाहर निकलकर वकालत की दूसरी पारी खेलने वाले नारायण प्रसाद शर्मा ने पारदर्शिता अपनाते हुए सियासत और वकालत में इंसानियत के जज्बे को बरकरार रखा | राजनीति को खेल की मानिंद करने वाले शर्मा जी को हार का जश्न मनाते भी उनके अपने करीबियों ने 90 के विधानसभा चुनाव में बड़े करीब से देखा | दरअसल चुनाव में प्रतिकूल परिणाम आने पर अमूमन प्रत्याशी कोप भवन या एकांत वास में चले जाते हैं, 90 के विधानसभा चुनाव में पराजय का समाचार पाकर मायूस हो रहे पार्टी के देहाती कार्यकर्ताओं को उन्होंने ना केवल ढांढस बंधाया बल्कि कुछ ही देर बाद कार्यकर्ताओं के साथ भोजन कर माहौल को उत्सवी बना दिया | दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाजसेवा करने वाले महिदपुर के पूर्व विधायक, वरिष्ठ अभिभाषक नारायण प्रसाद शर्मा के अंतिम प्रयाण पर सभी दल, सभी वर्ग के लोगों ने उन्हें अंतिम बिदाई दी | अंतिम यात्रा में मध्यप्रदेश निर्यात निगम के पूर्व अध्यक्ष मनोहर बैरागी, पूर्व विधायक डॉ बटुक शंकर जोशी, महापौर मुकेश टटवाल, जिला युवक कांग्रेस के अध्यक्ष भरत शंकर जोशी,पूर्व विधायक राजेंद्र भारती,कांग्रेस नेता योगेश शर्मा चुन्नू मनीष शर्मा, महिदपुर विधानसभा के भाजपा नेता कैलाश गट्टानी, बालक दास बैरागी डूंगर खेड़ा, गोवर्धन नीमा कृषि उपज मंडी उज्जैन के पूर्व अध्यक्ष प्रतिनिधि रामेश्वर आंजना जमालपुरा, उज्जैन शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनंत नारायण मीणा, अरुण वर्मा, अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर के निदेशक डॉ.आर.सी.ठाकुर ,शांतिलाल छजलानी, महिदपुर के युवा व्यवसाई संदीप चोपड़ा, शिक्षक चंद्रेश जोशी,डॉ.सत्येंद्र जोशी, संजय आचार्य, राजमल जैन,बार एसोसिएशन के पूर्वअध्यक्षसुरेंद्रचतुर्वेदी ,द्वारकाधीश चौधरी ,सुरेंद्र शर्मा ,जिया लाल शर्मा, अशोक यादव, गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज के प्रांतीय अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी, पार्षद प्रतिनिधि मुजीब सुपारी वाला,गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज गौतम न्यास उर्दूपुरा उज्जैन के अध्यक्ष विजय शर्मा,संजय जोशी,डॉ.एस.एन.शर्मा एवं सुबोध शर्मा सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया |

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