श्रावण का दूसरा सोमवार ,आस्था उमड़ी अपार ,श्रद्धालु तीन लाख पार
उज्जैन ।सावन के दूसरे सोमवार को अवंतिका नगरी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा, जिसमें शाम 4:00 बजे तक लगभग 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए देश के कोने कोने से शहर में आकर दस्तक दी । दस्तक न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार श्रद्धालु प्रीतम मीणा पिता अमर सिंह उम्र 45 वर्ष और गजेंद्र सिंह पिता दौलत सिंह उम्र 50 वर्ष दोनों निवासी आरोन गुना के रहने वाले हैं और यह 14 लोगों के ग्रुप के साथ रविवार रात को ही उज्जैन आ गए थे, जिन्हें उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करना था यहां सुबह 6:00 बजे सभी लोग चार धाम मंदिर के सामने सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगे यहां धीरे-धीरे करके श्रद्धालुओं का सैलाब बढ़ने लगा धक्का-मुक्की होने लगी, इसी दौरान श्रद्धालुओं का अत्यधिक दबाव बढ़ने से प्रीतम मीणा और गजेंद्र सिंह मौके पर ही बेहोश हो गए, जिन्हें परिजन रूद्रसागर और चारधाम मंदिर की ओर से अस्पताल ले गए श्रद्धालुओ का दबाव अत्यधिक होने से डॉक्टरी मदद और एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाई ऐसे में बमुश्किल ऑटो में डालकर परिजन जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे जहां दोनों घायलों का उपचार चल रहा है। बाबा महाकाल की पालकी मंदिर परिसर से सोमवार को शाम 4:00 बजे निकली, इससे पूर्व जिलाधीश आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ला ने बाबा महाकाल का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में पूजन अर्चन किया। इसके बाद कहारो ने पालकी को अपने कंधों पर उठाया और धीरे-धीरे मंदिर परिसर से बाहर आए । मंदिर परिसर के बाहर लाखों श्रद्धालु पलक पावडे बिछा कर सड़क मार्ग के दोनो छोर पर बाबा की प्रतीक्षा करते नजर आए और जैसे ही बाबा की रजत जड़ित पुष्पों से सजी हुई पालकी मंदिर परिसर से बाहर आई तो महाकाल के जयकारों से अवंतिका नगरी गुंजायमान हो गई। पालकी के आगे अश्वारोही दल चल रहा था, वही पुलिस बैंड ने बाबा महाकाल की पालकी की अगवानी की। कड़ाबिन, नगाड़ों और शंख की ध्वनि ने उज्जैन के वातावरण को महाकाल मय धर्ममय कर दिया। इधर जिला प्रशासन पुलिस पुलिस प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम बात किए हुए थे, महाकाल थाना पुलिस ने भी मंदिर परिसर से लेकर छपरा तक पर सुरक्षा की व्यवस्था की महाकाल पालकी के आगे आगे रस्सादल श्रद्धालुओं से पालकी की उचित दूरी बनाकर चलता रहा। सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम के बावजूद इसके गुना से आए 2 श्रद्धालु उस वक्त घायल हो गए ,जब वे श्रद्धालुओं के लगातार आगे बढ़ते रहने से दब गए ।जिन्हें तत्काल जिला चिकित्सालय में भर्ती करा कर उपचार दिया गया। श्रद्धालुओं की अधिक तादाद की वजह से कई बैरिकेट्स भी गिर गए और व्यवस्थाओं के लिए बनाए गए टेंट तंबू भी उखड़ गए कुल मिलाकर बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं का जो सैलाब सोमवार को उमड़ा उसने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। पवित्र श्रावण माह के इस दूसरे सोमवार पर हर कोई श्रद्धालु अवंतिका नाथ, महाकाल बाबा की एक झलक पाने के लिए बेताब नजर आये। *मुंह महंगे दाम पर लूटते रहे श्रद्धालुओं को* उज्जैन में सावन सोमवार पर बाहर से आए श्रद्धालुओं को बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर भी अत्यधिक परेशान होना पड़ा ।यहां पर महाकाल क्षेत्र तक जाने के लिए मनमाना किराया वसूला गया और पोहे के दाम भी ₹40 तक कर दिए गए। वहीं प्रति सवारी 150 रुपए से लेकर होटल में ठहरने के मात्र 1 घंटे के ₹1000 वसूले जाने की शिकायत भी भक्तों ने की है, महाकाल दर्शन सवारी दर्शन के लिए श्रद्धालु बाहर से आते हैं ,ऐसे में पुलिस थाने के चक्कर में श्रद्धालु नहीं पड़ते हैं, इसी का फायदा ऑटो से लेकर दुकानदार और होटल वालों से लेकर अन्य व्यापारी उठाने में गुरेज नहीं करते हैं। सावन मास के दूसरे सोमवार को भगवान महाकालेश्वर दर्शनार्थ जो श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा उस में भगदड़ भी मची पेड़ भी गिरा और दर्शनार्थी घायल भी हुए बावजूद इसके श्रद्धा कम नहीं हुई और लाखों श्रद्धालु बाबा की एक झलक पाने को मंदिर से लेकर रामघाट की ओर और गोपाल मंदिर से लेकर पटना बाजार की ओर जाते नजर आए। शाम को 5:30 बजे महाकाल की पालकी रामघाट पहुंची जहां पर मोक्ष दायिनी मां शिप्रा के पावन जल से बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया गया और उसके बाद पालकी पुनः विभिन्न मार्गो से होती हुई अपने गंतव्य महाकाल मंदिर पहुंची।।। दस्तक न्यूज़ प्रमोद व्यास उज्जैन