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किसानों को मंडी में उबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरना पड़ रहा है


उज्जैन। किसानों को मंडी में उबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरना पड़ रहा है उज्जैन। कृषि उपज मंडी में गेहूं का सीजन जोरों पर है। सैकड़ों किसानों, व्यापारियों का जमावड़ा बना हुआ है, लेकिन भीषण गर्मी में प्रांगण में लगे आरओ बंद पड़े हैं। वाटर कूलर संधारण के अभाव में गर्म पानी उगल रहे हैं। खराब सड़कें दुर्घटना का आमंत्रण दे रही है। मामले में मंडी प्रशासन सुधारने की बात कर रहा है।
संभाग की सबसे अधिक आय अर्जित करने वाली उज्जैन कृषि उपज मंडी इन दिनों अव्यवस्थाओं से लबरेज है। यहां आने वाले अन्नादाताओं को उबड़-खाबड़ मार्गों से प्रवेश करना पड़ रहा है। दोनों ही सड़कों को स्मार्ट सिटी के तहत टाटा कंपनी ने सीवरेज लाइन के लिए खोदकर पाइप तो डाल दिए पर मरम्मत नहीं की है। इधर संधारण के अभाव में बीते 5 साल पहले स्थापित आरओ वाटर कूलर हट अब लोगों की प्यास बुझाने लायक नहीं रही। बता दें इनकी कीमत करीब 15 लाख बताई जा रही है। अब मंडी समिति इन्हें बदलने का मन बना रही है, क्योंकि कई बार संधारण के बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। मामले में सचिव उमेश बसेडिया शर्मा ने बताया कि करीब 5 साल पहले 11 वाटर कूलर व 5 आरओ प्लांट स्थापित किए थे, जिसमें से आरओ प्लांट काम नहीं कर रहे हैं। सीजन में दबाव अधिक होने से पानी का फिल्टर पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रहा है। बोरिंग का पानी हार्ड होने से बार-बार खराब हो रहे हैं। वाटर कूलर भी अधिक उपयोग होने से पानी को ठंडा करने में समय लग रहा है। बंद आरओ व कूलर के संधारण के आदेश जारी कर दिए हैं। जो पूरी तरह से कंडम हो गए हैं उनकी जगह नए आरओ व कूलर की व्यवस्था की जा रही है। उपयंत्री गजेंद्र मेहता ने बताया कि दोनों मुख्य सड़कों को बनाने के टेंडर हो गए हैं। जल्द ही कार्य आदेश जारी कर ठेकेदार से काम शुरू करवाया जाएगा।

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