चित्रगुप्त भगवान का प्रकट उत्सव मनाने से पहले अलग-अलग मतों को एक करें कायस्थ समाज- मंगेश श्रीवास्तव
उज्जैन। आज हम भगवान चित्रगुप्तजी का प्रकटोत्सव पूरे देश प्रदेश एवं शहर में मना रहे हैं उसी को लेकर सभी जगह अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग मत हैं। उसे पहले हम सब मिलकर, बैठकर एक तिथि निकालें ताकि भगवान चित्रगुप्तजी का प्रकट उत्सव सही तारीख पर मन सके।
यह बात कायस्थ समाज के मंगेश श्रीवास्तव ने कही। कायस्थ समाज के मंगेश श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान श्री चित्रगुप्त जी के प्राकट्योत्सव को लेकर संशय है, समूचे भारत में जिसका जब बस चल रहा है, तब प्राकट्योत्सव मना रहा है। पिछले दिनों चैत्र शुक्ल दशमी को देश के कुछ हिस्सों में चित्रगुप्त जी का प्राकट्योत्सव मनाया गया। अब देश के कुछ हिस्सों में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को प्राकट्योत्सव मनाने की तैयारी है। इन तिथियों के अलावा देश के एक बड़े हिस्से में वैशाख शुक्ल सप्तमी को तो कुछ हिस्सों में वैशाख शुक्ल दशमी, गंगा दशमी पर भी भगवान श्री चित्रगुप्त जी का प्राकट्योत्सव प्रतिवर्षानुसार ही मनाने की तैयारी की जा रही है। समाज अपने आराध्य के प्राकट्योत्सव की निश्चित तिथि का निर्धारण तक नही कर पा रहा है। मंगेश श्रीवास्तव ने समाज के कर्ताधर्ताओं से विनम्र अनुरोध किया कि देश के समाज के विद्वजनों, शास्त्रों के जानकारों व गणमान्य नागरिकों की समिति बना कर भगवान श्री चित्रगुप्त जी के प्राकट्योत्सव की तिथि का निर्धारण किया जाए पश्चात उस तिथि में ही समूचे देश में एकजुटता के साथ भव्य सामूहिक आयोजनों के साथ भगवान श्री चित्रगुप्त जी का प्राकट्योत्सव मनाया जाए। भगवान चित्रगुप्तजी का प्रकट उत्सव हम सही तिथि को मनाएंगे उसमें आने वाली पीढ़ी को भी कायस्थ समाज सही जानकारी दे पायेगा कि हमारे आराध्य देव भगवान चित्रगुप्तजी का प्रकट उत्सव इस तिथि को है।