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पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश रूप में दर्शन देंगे बाबा महाकाल


उज्जैन । श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते सवारी मार्ग पर भक्तों का प्रवेश सख्ती से प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालुओं को मंदिर की वेबसाइट पर घर बैठे सवारी के आनलाइन दर्शन होंगे। सवारी मार्ग को फूलों की रंगोली तथा रंगबिरंगी ध्वजा से सजाया जाएगा। साथ ही खुशियों की आतिशबाजी भी होगी।
दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभामंडप में कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ला भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी। इसके बाद सवारी का कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा। महाराजवाड़ा स्कूल तिराहा, बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि चौराहा, झालरिया मठ के रास्ते सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन होगा। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल होते हुए शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर पहुंचेगी। यहां शिव शक्ति के मिलन उपारंत सवारी पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

प्रशासन ने सवारी मार्ग पर श्रद्धालुओं का प्रवेश रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सवारी से दो घंटे पहले ही मार्ग को चारों ओर से बंद कर दिया जाएगा। चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रहेगी। सभा मंडप में पुजारी, कहार व पांच कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। शिप्रा तट पर पालकी पूजन के समय भी संख्या निर्धारित रखने का निर्णय लिया गया है।

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