पिंडदान की अनुमति मिलने पर शिप्रा के घाटों पर उत्तरकार्य के लिए पहुंच रहे लोग।
उज्जैन- उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा शिप्रा के घाटों पर मृतकों का उत्तर कर्म और पिंडदान करने पर प्रतिबंध लगाया गया था जिससे कल रविवार को हुई जिला आपदा प्रबंधन समूह ने हटा दिया है अब शिप्रा के घाटों पर पिंडदान किया जा सकेगा। परंतु पिंडदान करने के लिए परिजनों को अपनी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट साथ में रखनी होगी। प्रशासन द्वारा आदेश दिए गए हैं कि मृतक के दो परिजन ही घाट पर आकर एक तीर्थ पुरोहित से उत्तर कर्म कराएंगे और इस दौरान वे प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करेंगे। अनुमति मिलते ही आज शिप्रा के घाटों पर उत्तर कर्म करवाने के लिए परिजन पहुंचने लगे हैं।
उज्जैन की शिप्रा नदी में मृत्यु के बाद अस्थि विसर्जन उत्तर कर्म करने और पिंड दान का विशेष महत्व बताया जाता है शिप्रा नदी के विभिन्न घाटों पर शहर के पंडे पुजारियों द्वारा यह कार्य कराया जाता है। मान्यता है कि यहां पर अस्थि विसर्जन करने से मृतक की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। प्रशासन द्वारा अनुमति दे देने पर कई लोग अपने परिजनों की आत्मा की शांति के लिए उत्तरकार्य करवा रहे है ।