108 वर्ष से चल रहा महामृत्युंजय यज्ञ
उज्जैन। कोरोना संक्रमण काल में वातावरण शुद्धि के लिए देश भर में यज्ञ-हवन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में उज्जैन के मौन तीर्थ में अखंड महामृत्युंजय यज्ञ भी चल रहा है। यह देश का पहला ऐसा यज्ञ है जो 108 साल तक चलेगा। यहां रोज सुबह एक घंटा यज्ञकुंड में आहुतियां दी जा रही है। शिप्रा किनारे अंकपात क्षेत्र में स्थित गंगा घाट पर मौन तीर्थ पीठ है। ब्रह्मलीन ब्रह्मर्षि मौनी बाबा का यह स्थान है। यहां उनका समाधि मंदिर है। बाबा के शिष्य व पीठाधीश्वर संत डॉ सुमन भाई के अनुसार बाबा ने 2016 के सिंहस्थ में 108 साल तक अखंड महामृत्युंजय यज्ञ का संकल्प लिया था। तभी से प्रतिदिन सुबह यज्ञ किया जा रहा है।
यज्ञकुंड में अखंड अग्नि प्रज्जवलित है। यह अग्नि हिमालय के त्रिजुगी नारायण से 80 साल पहले मौनी बाबा पैदल चलकर लाए थे। तब से यह अखंड अग्नि यहां स्थापित है। इसी अग्निकुंड में रोज यज्ञ किया जाता है। यह क्रम किसी स्थिति में टूटने नहीं दिया जाता। माना जाता है त्रिजुगी नारायण वह स्थान है जहां भगवान शिव-पार्वती का विवाह हुआ था।
विवाह के लिए प्रज्जवलित अग्नि अब तक प्रज्जवलित है। यही अग्नि मौन तीर्थ के यज्ञकुंड में स्थापित होने से इसके दर्शन का भी विशेष महत्व है। संत सुमनभाई का कहना है कि यहां यज्ञ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सफलता और सुख-समृद्धि मिलती है। यहां बीमारियों के निवारण के लिए 3 साल, 3 महीने और 3 दिन का विशिष्ट यज्ञ भी किया जाता है। संतश्री के अनुसार यह यज्ञ 108 साल तक चलेगा। इसकी पूर्णाहुति 2124 में होगी।