उज्जैन में हुई बर्ड फ्लू की पुष्टि
उज्जैन । उज्जैन में एक के बाद एक हो रही कौवों की रहस्यमी मौत पर से गुर्स्वार को पर्दा उठ गया। पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक डॉ. एचवी त्रिवेदी ने उज्जैन में बर्ड फ्लू की पुष्टि की है॥ उन्होंने नईदुनिया से कहा कि चार दिन पहले उज्जैन के रेती घाट से मिले जिसे मृत कौवे के स्वाब और टॉक्सीकोलॉजी के सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्यूरिटी लैब भेजे थे, उसकी जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। रिपोर्ट पॉजिटिव है।
डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि कौवे में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस मिला है, जो पक्षियों में पाए जाने वाले फ्लू का ही एक प्रकार है। संक्रामक रोग बर्ड फ्लू से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के लिए शुक्रवार दोपहर 12 बजे कलेक्टर ने बैठक रखी है। बैठक में जारी निर्देशों के अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि सप्ताहभर से उज्जैन में रहस्यमयी तरीके से एक के बाद एक कौवों और कबूतर की मौत के आंकड़े सामने आ रहे थे। पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार उज्जैन में अब तक 38 कौवों और 5 कबूतरों की भी मौत हो चुकी है। गुर्स्वार को नागदा से मिले पांच मृत कबूतरों के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे हैं।
मुर्गे-मुर्गियों में भी बर्ड फ्लू का अंदेशा, उपसंचालक ने पोल्ट्री फार्म संचालकों के साथ की बैठक
पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मुर्गे-मुर्गियों में भी बर्ड फ्लू का अंदेशा जताया है। इससे बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के लिए विभाग के संभागीय उपसंचालक डॉ. एचएन त्रिवेदी ने गुर्स्वार दोपहर अपने दफ्तर में पोल्ट्री फार्म संचालकों के साथ बैठक की। निर्देशित किया कि वे विभाग में अपने पोल्ट्री फार्म का पंजीयन कराएं और पक्षी पालन में विशेष सावधानियां बरतें। अब यदि कोई मुर्गा-मुर्गी मरते हैं तो उन्हें जमीन में गाड़ा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी सिर्फ कौवों में बर्ड फ्लू के वायरस के संक्रमण की जानकारी मिली है। मुर्गे-मुर्गियों में नहीं। पोल्ट्री फार्म संचालकों ने शिकायत की कि बाहरी राज्यों के मुर्गी पालक यहां अपने पक्षी बेचने को भेज रहे हैं। खरीदार न मिलने पर वे इन पक्षियों को यहां-वहां फेंक जा रहे हैं। इससे उज्जैन के पोल्ट्री फार्म संचालक बदनाम हो रहे हैं। बाहरी व्यवसाय पर रोक लगवाई जाए।
अब हर पोल्ट्री फार्म का पंजीयन जरूरी
पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अब पोल्ट्री फार्म का पंजीयन जरूरी है। ये पंजीयन सशुल्क है। अधिकतम शुल्क 2 हजार र्स्पये बताया है। उज्जैन ब्लॉक में 13 और जिले में 25 पोल्ट्री फार्म हैं, जहां तकरीबन 70 हजार मुर्गे-मुर्गियों का पालन होने की खबर है।
कोविड के साथ बर्ड फ्लू का खतरा
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ नरेश पुरोहित ने बताया कि बर्ड फ्लू यानी एवियन फ्लू भारत में कई बार आक्रमण कर चुका है और एक बार फिर उसने यहां दस्तक दी है। अब तक बर्ड फ्लू के मामले राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल तक में देखे गए हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश (इंदौर, आगर, मंदसौर ) में जहां इसके संक्रमण से कौओं की मौत हुई है, तो वहीं केरल में बत्तखें इसका शिकार बनीं हैं। प्रदेश में कौओ में इसके संक्रमण के चलते मौत होने की पुष्टि हुई है।
राष्ट्रीय सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार डॉ पुरोहित ने बताया कि कोरोना वायरस की तरह ही बर्ड फ्लू वायरस भी म्यूटेट करता है। अब तक इसके कई स्ट्रेन सामने आ चुके हैं, जिनमें -5श1, -5श8 और -7श9 आदि शामिल हैं। इसमें -7श9 इंसानों के लिए खतरनाक होता है। डॉ पुरोहित के अनुसार अब तक देश में एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू) का किसी इंसान पर असर नहीं हुआ है। हालांकि यह इंसानों में भी फैल सकता है। बर्ड फ्लू से किसी इंसान के संक्रमित होने का पहला मामला साल 1997 में हांगकांग मे आया था ।अभी तक बर्ड फ्लू की कोई कारगर वैक्सीन नहीं बनी है। चूंकि एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के कई स्ट्रेन हैं, इसलिए इसकी वैक्सीन बनाना बहुत मुश्किल काम है।
सर्दियों में खतरा
डॉ. पुरोहित ने बताया कि बर्ड फ्लू खासकर सर्दियों के मौसम में ही फैलता है, क्योंकि इसी मौसम में अलग-अलग देशों से पक्षी भारत आते हैं और ये मार्च के अंत तक फिर यहां से जाना शुरू कर देते हैं। अलग-अलग देशों से आए वहीं पक्षी अपने साथ वायरस लेकर आते हैं, जिनसे संक्रमण फैलने का खतरा होता है।