top header advertisement
Home - उज्जैन << नए साल में नए रूट पर दौड़ेगी ट्रैन, कम होगी दूरी

नए साल में नए रूट पर दौड़ेगी ट्रैन, कम होगी दूरी



उज्जैन । उज्जैन-फतेहाबाद के बीच गेज परिवर्तन और उज्जैन-कड़छा रेल रूट का दोहरीकरण का काम पूरा होने के बाद दिसंबर के आखिरी सप्ताह में कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) के निरीक्षण की तैयारियां चल रही हैं। रेलवे अधिकारियों ने अनुसार निरीक्षण के बाद हरी झंडी मिलते ही जनवरी से ही इस रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। उज्जैन-फतेहाबाद के बीच 2014 से ट्रेनों का संचालन नहीं हो पाया है, ऐसे में कई लोगों को ट्रेनों के चलने का इंतजार है। गेज परिवर्तन होने के बाद उज्जैन और इंदौर के बीच रेल रूट की दूरी 18 किमी कम हो जाएगी। इससे 18 से अधिक गांवों के यात्रियों को फायदा होगा

बता दें कि उज्जैन फतेहाबाद के बीच वर्ष 2014 में मीटर गेज ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। अब लगभग 22 किलोमीटर लंबे मार्ग का गेज परिवर्तन करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो गया है। रेलवे ने इस मार्ग पर 3 बड़े पुल व 26 छोटी पुलियाएं बनाई हैं। इसके अलावा दो स्टेशन भी बनाए हैं। इनमें चिंतामन स्टेशन के अलावा लेकोड़ा फ्लेग स्टेशन बनाया गया है। चिंतामन स्टेशन पर दो मंजिला भवन का निर्माण किया गया है। इसके अलावा 600 मीटर अधिक लंबा प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जहां 24 कोच की ट्रेन आसानी से खड़ी की जा सकेगी। स्टेशन की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग भी की जा रही है।..

18 गांवों को मिलेगी सुविधा
इस मार्ग का काम पूरा होने से अब जवासिया, हासामपुरा, बिंद्राज, खेड़ा, गोंदिया, लिंबा पिपल्या, लेकोड़ा, राणाबड़, कांकरिया, चिराखान, शिवपुरा खेड़ा, रालामंडल, बालरिया, तालोद, उमरिया, टंकारिया, धर्माट गांवों के लोगों को सुविधा मिलेगी।

दूरी होगी कम
फिलहाल उज्जैन से देवास होते हुए इंदौर जाना पड़ता है। यह मार्ग 81 किलोमीटर है। उज्जैन-फतेहाबाद होते हुए इंदौर की दूरी 63 किलोमीटर हो जाएगी। इससे उज्जैन इंदौर के बीच 18 किलोमीटर की दूरी घट जाएगी।

दोहरीकरण का काम भी पूरा
उज्जैन-देवास-इंदौर रेल मार्ग पर उज्जैन से विक्रमनगर-कड़छा के बीच रेल मार्ग दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। 11 किलोमीटर लंबे मार्ग का 29 दिसंबर को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) निरीक्षण करेंगे। इसके बाद इस मार्ग पर ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी मिल जाएगी। कड़छा से इंदौर के बीच अब भी करीब 70 किलोमीटर काम बाकी है। इसे रेलवे ने वर्ष 2022 तक पूरा करने का लक्ष्‌य रखा है। फिलहाल कोरोना संक्रमण के कारण रेलवे प्रशासन ने इस काम पर रोक लगा रखी है।

यात्री ट्रेनों व मालगाड़ियों को नहीं रोकना पड़ेगा
उज्जैन से इंदौर के बीच केवल एक ही ट्रैक होने के कारण इस मार्ग पर ट्रेनों के संचालन में दिक्कत होती थी। कई बार ट्रैक पर मालगाड़ी अथवा यात्री ट्रेन होने के कारण दूसरी ट्रेनों को देवास या फिर इंदौर में ही रोक दिया जाता था। दोहरीकरण होने के बाद अब इस ट्रैक पर ट्रेनों या फिर मालगाड़ी को रोकना नहीं पड़ेगा।

उज्जैन-फतेहाबाद गेज परिवर्तन काम तथा उज्जैन-विक्रमनगर-कड़छा के बीच रेलमार्ग दोहरीकरण का काम लगभग पूरा हो गया है। सीआरएस से दो दिन के उज्जैन दौरे पर आने का निवेदन किया गया है। 29 को विक्रमगनर-कड़छा व 30 दिसंबर को उज्जैन-फतेहाबाद गेज परिवर्तन काम का निरीक्षण कर ट्रेनों के संचालन की अनुमति दे सकते हैं। --विनीत गुप्ता, डीआरएम रतलाम मंडल

Leave a reply