महाकाल मंदिर में आज से बदलेगा श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश द्वार
उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। इसके लिए गुरुवार से श्रद्धालुओं की प्रवेश व्यवस्था को भी बदला जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत भस्मारती द्वार से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। बता दें कि यूडीए करीब 50 करोड़ रुपयों की लागत के निर्माण कार्य मंदिर परिसर में करा रहा है। एक फेसिलिटी सेंटर -2 बनाया जा रहा है और मंदिर के सामने करीब 20 फ़ीट नीचे भूमिगत वेटिंग हॉल बनाया जा रहा है। बुधवार को यूडीए सीईओ सोजानसिंह रावत ने इन कार्यों का हर पहलुओं से निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश भी दिये। अधीक्षण यंत्री आरसी वर्मा, कार्यपालन यंत्री केसी पाटीदार, शैलेंद्र जैन, पीके जोशी, सहायक प्रशासक व नायब तहसीलदार मूलचंद जूनवाल, प्रशासनिक अधिकारी आरपी गहलोत आदि मौजूद थे
12 मीटर चौड़ी रोड खोदी
पुराने प्रशासक कार्यालय के सामने मुख्य द्वार से भारतमाता मंदिर की ओर जाने वाली 12 मीटर चौड़ी रोड को अब 9 मीटर किया जाएगा। इसके साथ पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ भी बनेगा। ईई पाटीदार ने बताया इस जगह डबल कॉलम डाले जाएंगे ताकि भविष्य में और आगे विस्तार दिया जा सके। रोड को खोद दिया गया है। यहां बनी दुकानें भी तोड़ी जा चुकी हैं। इससे निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। सीईओ ने ठेकेदार को जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया। शेष दुकानों को भी तोड़ने को कहा।
पुलिस चौकी भी भूमिगत हॉल में
सीईओ ने निर्देश दिया कि पुलिस चौकी व प्रसाद काउंटर भी भूमिगत हॉल के अंदर ही बनाएं, जिससे शिखर दर्शन में कोई अड़चन न आये। पेड़ों के आसपास रिंग बनाकर आसपास बैठने के लिए सीढ़ी बनाने से पहले वन विभाग के अधिकारियों से भी विशेषज्ञ सलाह लेने का निर्देश दिया।
दूसरा सेंटर भूमिगत हॉल से जुड़ेगा
दूसरा फेसिलिटी सेंटर दो मंजिला होगा। शिवरात्रि में प्रथम तल का उपयोग किया जा सकेगा। यह भूमिगत हॉल से जुड़ेगा। सीईओ रावत ने निर्देश दिया कि आपात व्यवस्था के दर्शनार्थियों को निकालने के दौरान आपस में टकराव की स्थिति न बने। इसका खास ध्यान रखें। छत पर पत्थरनुमा टाइल्स या ग्रेनाइट लगाने के भी निर्देश दिए। सेंटर के पास से भारतमाता मंदिर की ओर आपात रोड भी बनाई जाएगी। इसमें से गाड़ी भी सीधे मंदिर की ओर ले जाई जा सकेगी। आर्किटेक्ट नितिन श्रीमाली ने ब्रिज के जरिये पहले फेसिलिटी सेंटर से जोड़ने का प्रस्ताव अभी रोकने को कहा। इसके लिए आर्किटेक्ट से अलग से चर्चा भी होगी। विश्रामधाम से नागचंद्रेश्वर मंदिर को जोड़ने वाले मिनी ब्रिज को लेकर भी आर्किटेक्ट के साथ मीटिंग कर समग्र प्लान तैयार किया जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशानुसार सेंटर की पहली मंजिल पर मंदिर के अन्य कार्यालय स्थापित किये जाएंगे। सीईओ ने सेंटर के बाहर ग्रीनरी के भी निर्देश दिए।
परकोटे बनाकर एक मार्ग करो
सीईओ ने निर्माण कार्यों को लेकर मंदिर के महंत महामंडलेश्वर विनीत गिरी जी से भी चर्चा की। महंत ने सुझाव दिया कि मंदिर के चारों ओर परकोटे बनाकर एक ही प्रवेश द्वार से प्रवेश की व्यवस्था की जाए। अभी प्रवेश के लिए कई रास्ते हैं, इससे दर्शनार्थी परेशान होते हैं।
पहले सेंटर में कुर्सियां बनी मुसीबत
पहले से बने फेसिलिटी सेंटर में दर्शनार्थियों के लिए बने मार्ग में बैठने के लिए बनी कुर्सियां परेशानी का कारण बनती है। इनसे दर्शनार्थियों को चोट लगती है। सीईओ ने अब ऐसी कुर्सियां न लगाने पर भी जोर दिया। इस सेंटर को नए सेंटर से जोड़ने के लिए लेट-बाथ ब्लॉक को तोड़ा जाएगा।
मंदिर आने से पहले मोबाइल पर भी मिले जानकारी
मंदिर में आने से पहले सभी सुविधाओं व प्रवेश मार्ग की जानकारी के लिए प्रवेश द्वार पर बड़ा बोर्ड लगाने के लिए सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी को निर्देश दिया। साथ ही मोबाइल पर भी शहर आने वालों को लिंक के जरिये ये जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।