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लॉकडाउन के बाद बढ़ी महाकाल में रौनक, रोज आ रहे इतने श्रद्धालु



उज्जैन। धर्मधानी उज्जयिनी के मंदिरों में अनलॉक के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 8 से 9 हजार भक्त प्रतिदिन दर्शन कर रहे हैं। मंदिर समिति कोरोना नियमों का पालन कराते हुए भक्तों को दर्शन करा रही है। गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश पूर्णत: बंद है। कालभैरव, मंगलनाथ, चिंतामन गणेश मंदिर में भी श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। इससे होटल आदि का कारोबार भी गति पकड़ रहा है।

महाकाल में अग्रिम बुकिंग पर हो रहे दर्शन
महाकाल मंदिर में अनलॉक की शुरुआत में 2 से 3 हजार भक्त दर्शन करने आ रहे थे, लेकिन अब 8 से 9 हजार भक्त प्रतिदिन दर्शन करने पहुंच रहे हैं। कोरोनाकाल से पूर्व यहां 12 से 15 हजार दर्शनार्थी रोजाना आते थे। मंदिर समिति द्वारा देश-विदेश से आने वाले दर्शनार्थियों को निशुल्क अग्रिम बुकिंग के आधार पर दर्शन करा रही है। सीधे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्पॉट बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। श्रद्धालु सावधानी रखते हुए दर्शन कर रहे हैं।

चिंतामन, कालभैरव सहित अन्य देवालयों में भी बढ़े दर्शनार्थी
महाकाल मंदिर के साथ-साथ शहर के अन्य मंदिरों में भी दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंदिरों में स्थितियां सामान्य हो रही हैं। उज्जयिनी के षड्विनायक में से एक चिंतामन गणेश मंदिर में प्रतिदिन 4 से 5 हजार भक्त दर्शन कर रहे हैं। कोरोना से पूर्व यहां 7 से 8 हजार भक्त पहुंचते थे। मंदिर प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने बताया कि अनलॉक की शुरुआत में नियमित दर्शनार्थियों को छोड़कर 100-200 भक्त ही नजर आते थे, लेकिन अब आस्था से मंदिर आबाद है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त चिंतामन गणेश के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। देव उठनी एकादशी के बाद से मंदिर में विवाह कराने आने वाले श्रद्घालुओं की संख्या भी बढ़ गई है। इन दस दिनों में मंदिर में 50 से अधिक शादियां हो चुकी है। मंदिर में कोरोना नियम का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है।

काल भैरव मंदिर : गर्भगृह में प्रवेश बंद
महाकाल के बाद दर्शनार्थियों की सबसे अधिक संख्या कालभैरव मंदिर में देखी जा रही है। प्रतिदिन 5 से 6 हजार भक्त भगवान कालभैरव के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। कोरोना से पूर्व यहां 8 से 10 हजार दर्शनार्थी रोजाना आते थे। यहां अनलॉक के शुरुआती दिनों में 2500 से 3000 श्रद्धालु आ रहे थे। अब संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों की ओर से भगवान को मदिरा चढ़ाने पर रोक लगी हुई है। इससे भक्तों में मायूसी है, बावजूद इसके दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है। मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना के कारण गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश बंद है। दर्शनार्थियों को सभा मंडप से बाबा कालभैरव के दर्शन कराए जा रहे हैं।

मंगलनाथ : भातपूजा की संख्या बढ़ी
मंगलग्रह की जन्म स्थली कहे जाने वाले मंगलनाथ मंदिर में भी दर्शनार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है। मंगलनाथ में देश-विदेश से भक्त भातपूजा कराने आते हैं। मंदिर प्रशासक नरेंद्रसिंह राठौर ने बताया कि अनलॉक की शुरुआत में मात्र 90-100 भातपूजा हो रही थी, लेकिन अब आंकड़ा बढ़कर प्रति मंगलवार 250 से 300 पूजन तक पहुंच गया है। मंदिर में प्रतिदिन 3 से 4 हजार भक्त दर्शन करने आ रहे हैं।

500 से अधिक होटल, कारोबार को मिली गति
उज्जैन शहर में छोटे-बड़े मिलाकर 500 से ज्यादा होटलें हैं। धार्मिक पर्यटन का केंद्र होने से होटल कारोबार अच्छा चलता है। हालांकि कोरोना के बाद यह व्यापार भी डगमगाने लगा था, मगर नवंबर के बाद फिर स्थिति संभली है। महाकाल क्षेत्र के होटल कारोबारी नरेश वासवानी ने बताया कि दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ने के साथ ही होटल कारोबार को गति मिली है। अनलॉक के शुरुआती चरणों में 2-3 कमरे ही बुक होते थे, मगर अब रोजाना 60 से 70 फीसद तक कमरे बुक हो रहे हैं।

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