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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के 5 लाख किसान परिवारों को 100 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की


उज्जैन | प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को नसरूल्लागंज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश के पांच लाख किसान परिवारों को 100 करोड़ रुपये की सहायता राशि एक क्लिक के माध्यम से ऑनलाइन वितरित की। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को छह हजार रुपये प्रतिवर्ष की सहायता राशि के साथ-साथ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 79.5 लाख किसान परिवारों को चार हजार रुपये की सहायता राशि भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत प्रदाय की जायेगी।

   इसी योजना के तहत गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम में पांच लाख कृषक परिवारों को प्रथम किश्त की राशि दो हजार रुपये प्रति कृषक परिवार का वितरण मुख्यमंत्री द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से किया गया। इसके अलावा 3 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री द्वारा दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्रायसिकल का वितरण भी किया गया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कुछ जिले के किसानों से वार्तालाप भी किया।
   मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि उक्त योजना के तहत सभी किसानों को राशि प्रदाय की जायेगी। इसके अलावा जिन किसानों के पास वनाधिकार के पट्टे हैं या दिये जायेंगे, उन्हें भी यह राशि प्रदाय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के लिये बनाये गये तीन कानून के बारे में चर्चा करते हुए पहले कानून के बारे में कहा कि किसान जहां चाहे वहां अपनी उपज इस कानून के तहत बेच सकते हैं। मंडियां बन्द नहीं की जायेंगी। यदि कोई व्यापारी किसानों से सम्पर्क करेगा तो वे अपनी फसल सीधे उसे भी अपने घर से ही बेच सकेंगे।
   इस कानून से किसानों का विकास होगा, उनका विक्रय बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने दूसरे कानून के बारे में बताया कि किसान चाहे तो फसल बोवनी के पहले ही व्यापारी से अनुबंध कर सकेंगे और यदि फसल की लागत अधिक हो गई तो वे इस अनुबंध से बाहर आने के लिये भी मुक्त रहेंगे। मुख्यमंत्री ने तीसरे कानून के बारे में किसानों को बताया कि व्यापारियों द्वारा किसानों से खरीदे जाने वाली उपज की स्टाक लिमिट को समाप्त किया जायेगा। उक्त तीनों कानून किसान हितैषी हैं।
   मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सारे भू-अभिलेख सरकार द्वारा ऑनलाइन कर दिये जायेंगे। किसानों को खसरे की नकल के लिये चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जमीन के डायवर्शन के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जायेगी। राजस्व न्यायालय में कलेक्टर कोर्ट, एसडीएम कोर्ट और तहसीलदार कोर्ट को भी ऑनलाइन किया जायेगा, ताकि प्रकरणों के निराकरण में अनावश्यक देरी न हो। जमीन के नामांतरण और बंटवारे के लिये आरसीएमएस पोर्टल के जरिये ऑनलाइन आवेदन किये जा सकेंगे।

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