‘मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स योजना, चिन्ता का बोझ कम हुआ -यशवंत सिंह
उज्जैन | उज्जैन से कुछ दूरी पर स्थित ग्राम कायथा निवासी 46 वर्षीय यशवंत सिंह पिता अजब सिंह की मुख्य मार्ग पर देवबाबा टी स्टाल नाम से चाय की दुकान है। वे पिछले 19 वर्षों से यहां दुकान चला रहे हैं। इस व्यवसाय से उन्हें प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपये की आमदनी हो जाती थी। विगत 24 मार्च से जब पूरे देश में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा था, तब लगभग तीन महीने तक उनकी दुकान बन्द रही थी। इस वजह से यशवंत को काफी नुकसान हो गया था।
दरअसल यही दुकान यशवंत का घर चलाने के लिये आय का मुख्य स्त्रोत थी। इसी दुकान की बदौलत यशवंत ने अपने बच्चों का पालन-पोषण और उनकी पढ़ाई-लिखाई करवाई थी। यशवंत की बेटी कॉलेज में द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत है। बीते कुछ महीनों में आमदनी रूक जाने से बेटी की पढ़ाई पर भी असर होने लगा था। इस वजह से यशवंत हमेशा चिन्ताग्रस्त रहने लगे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स योजना उनकी समस्त चिन्ताओं का निराकरण लेकर आई। पंचायत सचिव से यशवंत को पता चला कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेण्डर्स के लिये लॉकडाउन के बाद व्यवसाय को पुन: स्थापित करने के लिये यह योजना प्रारम्भ की है। योजना के तहत स्ट्रीट वेण्डर्स को पात्रता अनुसार 10 हजार रुपये का ऋण बिना सिक्योरिटी और ब्याज के उपलब्ध करवाया जाता है।
योजना का लाभ लेने के लिये यशवंत सिंह ने आवेदन दिया और शीघ्र ही उन्हें 10 हजार रुपये की राशि बतौर ऋण उपलब्ध करवा दी गई। इन रुपयों की बदौलत यशवंत न सिर्फ अपने नुकसान की भरपाई कर सके, बल्कि टी स्टाल को दोबारा सुचारू रूप से संचालित करने में भी सफल हो गये। यशवंत ने कहा कि यह योजना वास्तव में गरीबों के हित की योजना है। इनसे बीते दिनों उनके मन-मस्तिष्क में निरन्तर बने तनाव और चिन्ता का अन्त हो गया।