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कार्तिक-अगहन मास में निकली बाबा महाकाल की दूसरी सवारी



उज्जैन। कार्तिक-अगहन मास में सोमवार को निकली भगवान महाकाल की दूसरी सवारी में दर्शन के लिए सैकड़ों भक्त उमड़े। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभामंडप में भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया गया।

सशस्त्र बल की टुकड़ी ने राजाधिराज को सलामी दी
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने राजाधिराज को सलामी दी। इसके बाद पालकी शिप्रा तट की ओर रवाना हुई। सशस्त्र बल की टुकड़ी और सुरक्षा घेरे के बीच बाबा महाकाल की पालकी शामिल थी।

अवंतिकानाथ की पालकी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची
महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए अवंतिकानाथ की पालकी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां महाकाल पेढ़ी पर पुजारियों ने पालकी में विराजित भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की।

सवारी राणौजी की छत्री घाट से होते मंदिर की ओर रवाना हुई
पूजन पश्चात सवारी राणौजी की छत्री घाट से होते मंदिर की ओर रवाना हुई। राजाधिराज ने गणगौर दरवाजा से नगर प्रवेश किया और कार्तिक चौक, जगदीश मंदिर, ढाबारोड, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए सवारी शाम करीब 6.20 पर मंदिर पहुंची।

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