उज्जैन जिले की 6 ग्राम पंचायतों की ग्रामीण पेयजल योजना का वर्चुअल भूमि पूजन सम्पन्न हुआ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जयवंतपुर ग्राम पंचायत के सरपंच से चर्चा की
उज्जैन | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार 14 अक्टूबर को भोपाल से ग्रामीण पेयजल योजनाओं का वर्चुअल भूमि पूजन रिमोट दबाकर किया। प्रदेश के 18 जिलों की 107 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का भूमि पूजन सम्पन्न हुआ। इन 18 जिलों में उज्जैन जिले की छह पेयजल योजना शामिल है। बृहस्पति भवन के एनआईसी कक्ष में कलेक्टर श्री आशीष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अंकित अस्थाना, श्री बहादुरसिंह बोरमुंडला की उपस्थिति में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिले की ग्राम पंचायत जयवंतपुर के सरपंच एवं जल एवं स्वच्छता समिति के अध्यक्ष श्री जीवनसिंह गरासिया से चर्चा कर पेयजल योजना के स्वीकृत होने पर बधाई दी।
सरपंच श्री जीवनसिंह गरासिया ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनकी पंचायत में 11 सदस्यीय समिति का गठन कर लिया है। समिति में पांच महिलाएं शामिल की गई हैं। सरपंच ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि प्रशासन के सहयोग से आगामी छह माह में पेयजल योजना पूरी कर ली जायेगी। समिति की बैठक पूर्व में कलेक्टर की अध्यक्षता में सम्पन्न कर ली गई है। सरपंच ने आश्वस्त किया कि ग्राम पंचायत के ग्रामीणजनों से इस सम्बन्ध में अंशदान भी इकट्ठा किया जा रहा है और जो ग्रामीण अंशदान नहीं देंगे वे सहर्ष श्रमदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत जयवंतपुर के सरपंच श्री गरासिया से जानकारी प्राप्त की कि ग्राम पंचायत में सबको राशन मिल रहा है। श्री गरासिया ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से अनुरोध किया कि उनकी ग्राम पंचायत में नल जल योजना का कार्य पूर्ण होने पर वे इसका लोकार्पण करने जरूर आयें।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले में 6 नल जल योजना मंजूर की गई हैं। इनकी लागत 586.34 लाख है। छह नल जल योजना के अन्तर्गत 2657 घरों में नल कनेक्शन दिये जायेंगे, जिससे 13 हजार लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। उज्जैन जिले में जहां नल जल योजना मंजूर की गई है, उनमें उज्जैन जिले की ग्राम पंचायत जयवंतपुरा, बड़नगर तहसील के ग्राम चिकली, खाचरौद तहसील के ग्राम करनावद और तराना तहसील के ग्राम दुबली, झुमकी एवं खेड़ाचितावद शामिल है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2023 तक समग्र ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये निरन्तर रूप से जल संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा।