भस्मारती दर्शन के लिए अब इतने भक्तों को मिलेगी अनुमति
उज्जैन । अवंतिकानाथ महाकाल के लिए खुशखबरी है। कोरोना संक्रमण के कारण बीते छह महीने से भी अधिक समय से भस्मारती दर्शन पर लगी रोक जल्द हटाई जाएगी। शुरुआती चरण में सीमित संख्या में भक्तों को अनुमति जारी की जाएगी। भक्तों के लिए शारीरिक दूरी व मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
बता दें कि रोजाना तड़के चार बजे महाकाल की भस्मारती होती है। इसमें राजाधिराज को भस्म अर्पित की जाती है। आरती दर्शन के लिए देश-विदेश से सैकड़ों श्रद्घालु उज्जैन आते हैं। कोरोना काल से पूर्व रोजाना 1800 श्रद्घालुओं को अनुमति प्रदान की जाती थी।
त्योहारों पर ये संख्या दो हजार के भी पार हो जाती थी, मगर अब इसे 1200 तक सीमित किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के कारण 17 मार्च से भस्मारती दर्शन पर रोक लगा दी गई थी। इस दौरान सिर्फ पुजारियों को भीतर जाने की अनुमति थी। इस बीच जून में अनलॉक शुरू होने के बाद मंदिर में दर्शन व्यवस्था तो शुरू हो गई, मगर भस्मारती दर्शन पर लगी रोक जारी रही।
तारीख तय नहीं, मगर अनुमति जल्द
आरती के लिए दर्शन अनुमति कब जारी होगी, इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है। इधर अधिकारियों का कहना है कि इसकी शुरुआत जल्द होगी। इस संबंध में मंदिर समिति सदस्यों, पुजारियों से भी चर्चा हो चुकी है। ऑनलाइन अनुमति के लिए 100 रुपये तथा मैन्युअली अनुमति के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
ये रहेगी व्यवस्थाएं
शुरुआती चरण में भस्मारती की अनुमति अधिकतम 1200 श्रद्घालुओं को ही दी जाएगी।
अनुमति के लिए पूर्व की तरह मंदिर की वेबसाइट पर ऑनलाइन और मंदिर में स्थापित काउंटर पर मैन्युअली आवेदन किया जा सकेगा।
अनुमति के लिए सभी श्रद्घालुओं के आधार कार्ड अथवा अन्य परिचय पत्र अनिवार्य होंगे।
अनुमति प्राप्त श्रद्घालुओं को कोविड संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए सभी नियमों का पालन करना होगा।
जल्द करेंगे शुरुआत
भस्मारती दर्शन पर लगी रोक जल्द हटाएंगे। श्रद्घालुओं को पूर्व की तरह अनुमति जारी की जाएगी। फिलहाल संख्या सीमित रखेंगे, ताकि संक्रमण का खतरा न हो।
-सुजानसिंह रावत, प्रशासक, महाकाल मंदिर, उज्जैन