LPG ग्राहकों को इन लगता इन सेवाओं पर शुल्क
LPG Cylinder के ग्राहकों के लिए यह काम की खबर है। गैस सिलेंडर से जुड़ी कई योजनाएं, नियम, प्रावधान और सुविधाएं ऐसी हैं जिनका फायदा अधिकांश लोग नहीं उठा पाते हैं। इसका बड़ा कारण यही है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है। ऐसी ही एक काम की बात हम आपको बताने जा रहे हैं। ध्यान से पढ़ें। यदि ग्राहक घर पर सिलेंडर की डिलीवरी करवाने की बजाय स्वयं एजेंसी पर जाकर उसे रिसीव करे तो उसका अपना फायदा है। ऐसा करने पर एजेंसी की ओर से ग्राहकों को पैसे दिए जाते हैं। चलिये आपको अधिक जानकारी देते हुए बताते हैं कि खुद एजेंसी पर जाकर गैस सिलेंडर लेने पर कितने पैसे मिलेंगे। असल में इसके लिए भी एक नियम है जिसके तहत आपको भुगतान किया जाता है। चूंकि यह स्थापित नियम है, इसलिए एजेंसी इससे इंकार नहीं कर सकती। जब भी कोई एजेंसी आपके गैस सिलेंडर की डिलीवरी करती है तो इसके लिए एक निश्चित राशि तय होती है। डिलीवरी शुल्क के रूप में 19 रुपए 50 पैसे तय होते हैं जो कि सिलेंडर की कीमत में शामिल होते हैं। इसलिए यदि आप स्वयं सिलेंडर लेते हैं तो इतनी राशि आपको नहीं चुकाना होगी।
यदि एजेंसी वाले आपको इस राशि का भुगतान काटकर सिलेंडर नहीं देते हैं तो आप उन्हें इसकी याद दिला सकते हैं। वे ऐसा मानने को विवश होंगे क्योंकि यह नियम है। इसके बावजूद यदि कोई एजेंसी इस राशि का भुगतान नहीं करती है तो आप टोल फ्री नंबर 18002333555 पर फोन लगाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इतना ही नहीं, डिलीवरी के अलावा सिलेंडर का रेग्युलेटर भी ऐसी चीज है जिस पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं होता। एजेंसी पर जाकर आप इसे बदलवा सकते हैं।
यदि कोई एजेंसी इस राशि का भुगतान नहीं करती है तो आप टोल फ्री नंबर 18002333555 पर फोन लगाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
एलपीजी सिलिंडर चाहिए तो देना होगा Authentication Code
एलपीजी की कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए नई व्यवस्था अनिवार्य होने जा रही है। गैस डिलीवरी के लिए कैश मीमो जारी होते समय उपभोक्ता के पंजीकृत नंबर पर डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) पहुंचता है। डिलीवरी मैन को ये कोड उपलब्ध कराना होगा, जिसके बाद ही सिलिंडर उपलब्ध होगा। ये व्यवस्था जल्द ही अनिवार्य करने की प्रक्रिया चल रही है। उपभोक्ताओं का हक नहीं छिने इसके लिए पेट्रोलियम मंत्रालय व्यवस्था को फूल प्रूफ करने जा रहा है। गैस बुक कराने से लेकर डिलीवरी होने तक उपभोक्ता के मोबाइल पर निरंतर मैसेज आते हैं। कैश मीमो जारी होते वक्त आने वाला नंबर सबसे महत्वपूर्ण होगा, इसे देने के बाद ही सिलिंडर मिल सकेगा। ये डीएसी नंबर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ही जाएगा, जिससे डिलीवरी मैन के स्तर पर भी गड़बडी नहीं हो सकेगी।
पीएम उज्ज्वला योजना में था अनिवार्य
पीएम उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं से डीएसी नंबर लिया जाना अनिवार्य है, लेकिन साधारण कनेक्शन के लिए इसकी बाध्यता नहीं है। इस प्रक्रिया से सिलिंडर पात्र के पास ही पहुंचेगा। ऐसे उपभोक्ताओं को मुश्किल होगी, जिनका नंबर पंजीकृत नहीं है।
कुछ वितरक अपना रहे प्रक्रिया
ऑल इंडिया इंडेन डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन आगरा संभाग अध्यक्ष विपुल पुरोहित ने बताया कि डीएसी नंबर की अनिवार्यता से पारदर्शिता आएगी। कुछ वितरकों ने अपने स्तर से प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे गड़बडी पर लगाम लगाई जा सके। पुरोहित ने बताया कि उनकी एजेंसी से जारी होने वाले कैश मीमो में से 90 फीसद द्वारा डीएसी नंबर उपलब्ध कराया जाता है। सभी को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मैसेज डिलीट हो जाए, तो हो सकता है रीसेंड
अगर किसी उपभोक्ता से मैसेज डिलीट हो जाता है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। डिलीवरी मैन मोबाइल में मौजूद एप के माध्यम से उसे पुन: उपभोक्ता के नंबर पर सेंड कर सकता है।