कोरोना संदिग्ध की मौत, परिजनों का अस्पताल प्रबंधन से हुआ विवाद
मरीज के शव को परिजनों द्वारा अपने साथ ले जाने की बात को लेकर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विवाद की स्थिति बन गई। परिजन डेड बॉडी अपने साथ ले जाना चाहते थे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में आरएमओ डॉ. राहुल यादव को धमकाया भी। जिनेंद्र विहार कॉलोनी में रहने वाले 75 साल के मरीज को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में शनिवार रात 8 बजे भर्ती किया था। इस दौरान उनके एक रिश्तेदार ने हॉस्पिटल में जाकर मरीज को देखने की इच्छा जताई और किराए पर पीपीई किट की डिमांड की।
इस पर हॉस्पिटल प्रबंधन ने इंकार कर दिया। दो घंटे बाद मरीज की मौत हो गई। परिवार ने डेड बॉडी ले जाना चाही, इस पर हॉस्पिटल ने कहा मरीज सस्पेक्टेड था, प्रोटोकाल के तहत सीधे आपको शव नहीं दे सकते। नगर निगम की टीम के माध्यम से ही शव चक्रतीर्थ ले जाया गया। इसको लेकर विवाद की स्थिति बन गई। लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। उन्होंने मोबाइल पर अधिकारियों को धमकाया, जिसकी सूचना चिमनगंज थाने को दी। पुलिस अधिकारियों ने समझाइश दी, उसके बाद परिजन मान गए।
सीधे बॉडी नहीं दे सकते
कानड़ के एक मरीज की मौत होने के बाद भी ऐसी ही स्थिति बनी। मरीज को 3 सितंबर को भर्ती किया था। 17 सितंबर को रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी लेकिन गंभीर होने पर मरीज का इलाज जारी था। मरीज की शनिवार रात में मौत हो गई। परिवार के लोग शव को साथ ले जाना चाहते थे। नोडल अधिकारी डॉ. सुधाकर वैद्य ने बताया सस्पेक्टेड मरीज की डेड बॉडी सीधे परिवार के लोगों को देने का अधिकार नहीं है। परिवार के लोग शव को अपने साथ ले जाना चाहते थे।