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संभागायुक्‍त ने बताया खुद अनुभव, मॉस्‍क तो बचा रहा



कोरोना से डरकर नहीं बल्कि सावधानी और सर्तकता के साथ लड़कर ही खुद को जिंदा रखना होगा और इसके लिए फिलहाल तो मास्क ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। इसे अनदेखा मत कीजिए। मास्क ने संभागायुक्त को दो बार कोरोना से बचाया है। मास्क पहना होने की वजह से वे सुरक्षित है। कोरोना काल की दो घटना उन्हीं की जुबानी जो हम सब के लिए जागरूकता का बड़ा उदाहरण व संदेश है। संभागायुक्त आनंद शर्मा ने कहा कोरोना ने जीवन का एक अलग प्रोटोकॉल तय कर दिया। शुरूआत में जब यह आया तो हम कुछ सोचने, समझने की स्थिति में नहीं थे।

जूना सोमवारिया के पहले केस में परिवार को अस्पताल भिजवाया तो यह भूल गए कि एंबुलेंस के कर्मचारी व वार्डबॉय ने पीपीई किट पहनाना थी। उन्हें होम क्वारेंटाइन करने के बाद इसकी गाइड लाइन तय की। तब से मास्क अनिवार्य किया जो अब तक सुरक्षित रखे हुए है, क्योंकि सभी को रोजमर्रा का जीवन जीना है लेकिन यह भी ध्यान रखना है कि जिंदा भी रहना है और उसके लिए मास्क ही सुरक्षा कवच है।

एक ही बात जहन में रही कि मास्क पहनना कितना जरूरी
1. संभागायुक्त ने बताया जब मंदसौर दौरे पर गया था। छह घंटे का आने-जाने का सफर एसी कार में किया। ड्राइवर संक्रमित था यह मुझे तीन दिन बाद पता चला। मैंने छह घंटे के सफर को याद किया तो एक ही बात जहन में रही कि मास्क पहनना कितना फायदेमंद रहा।

2. शाही सवारी के दौरान पालकी को कांधा देते समय एसपी साथ रहे। रामघाट तक साथ चले। एक दिन बाद पता चला कि वे संक्रमित हो गए। तब मैंने व आईजी राकेश गुप्ता ने इसी बात पर जोर दिया कि मास्क चेहरे से नहीं हटाया इसीलिए सुरक्षित है।

सुबह घूमने के दौरान मास्क का महत्व सफाईकर्मी ने समझा
लॉकडाउन के दौरान जब सुबह मैं पत्नी के साथ बंगले के बाहर घूमने निकला तो सफाईकर्मी बिना मास्क में झाड़ू लगा रहा था। उसे देख सैनिक को आवाज दी। दो सफाईकर्मियों को मास्क दिए। उस मास्क का कलर उड़ गया लेकिन अब भी वहीं मास्क सफाईकर्मी रोज पहने दिखता है। दो दिन पहले भी उसे मास्क पहने देखा तो मुझे बहुत खुशी हुई। उसे दो नए मास्क फिर दिए।

आईजी के यहां बगैर मास्क एंट्री ही नहीं
आईजी राकेश गुप्ता भी सबसे ज्यादा सावधानी और सतर्कता बरतने वालों में से एक है। आईजी ऑफिस में बिना मास्क वालों को एंट्री नहीं है। आईजी राकेश गुप्ता से मुलाकात करने वालों कि पहले थर्मल मशीन से स्कैनिंग होती है और बाहर ही पुलिस जवान यह समझाइश देकर अंदर भेजते हैं कि साहब से बात करते वक्त मास्क मत हटाना, नहीं तो हमें डांट पड़ेगी। आईजी गुप्ता भी मुलाकात के दौरान अपने ऑफिस के खिड़की, दरवाजे खुले रखते हैं और पंखा पूरे समय चालू रहता है उनका कहना है कि इस बीमारी को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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