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16 दृष्टिहीन बालिकाओं को वीआईपी कोटे से भस्म आरती की अनुमति जारी


 

उज्जैन | विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भगवान महाकाल की भस्म आरती की परमिशन मकर संक्रान्ति पर्व से कलेक्टर श्री शशांक मिश्र के निर्देशन में दिव्यांगजनों को वीआईपी कोटे से प्रदान की जा रही है। निर्देशों के परिपालन में प्रज्ञा चक्षु चेरिटेबल ट्रस्ट जूनागढ़ गुजरात की 16 दृष्टिहीन बालिकाओं एवं उनके सहायकों को शनिवार को प्रात: होने वाली भस्म आरती की अनुमति मन्दिर प्रशासन द्वारा आज जारी की गई। सभी बालिकाओं के आधार कार्ड व सहायकों के पहचान-पत्र प्राप्त कर वीआईपी कोटे से भस्म आरती परमिशन दी गई है। अनुमति मिलने से दृष्टिहीन बालिकाओं एवं उनके सहायकों ने कलेक्टर श्री शशांक मिश्र का हृदय से आभार प्रकट किया है। इस मौके पर मन्दिर के सहायक प्रशासक श्री मूलचन्द जूनवाल व मन्दिर समिति सदस्य श्री दीपक मित्तल का संस्था द्वारा दुंपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया गया।
    श्री महाकालेश्वर मन्दिर में हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के साथ कई श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल होते हैं। महाकाल मन्दिर में दिव्यांग श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिये दिव्यांग फ्रेंडली अवार्ड भी मिल चुका है। कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने निर्देश जारी किये थे कि मकर संक्रान्ति पर्व से भगवान महाकाल की भस्म आरती में दिव्यांगों को विशेष अनुमति प्रदान की जाये। इसी निर्देशों के पालन में मकर संक्रान्ति से ही दिव्यांगजनों को वीआईपी कोटे से भस्म आरती की परमिशन प्रदान की जा रही है। इसी कड़ी में आज गुजरात के 16 दृष्टिहीन बालिकाओं एवं उनके सहायकों को 24 की रात्रि 25 जनवरी को प्रात: होने वाली भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि मन्दिर प्रबंध समिति दिव्यांगों को भस्म आरती की परमिशन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक वीआईपी काउंटर से प्रदान की जाती है। अधिकतम 20 दिव्यांगों तथा इनके साथ आने वाले एक अटेंडर को भी भस्म आरती की वीआईपी कोटे से परमिशन प्रदान की जाती है। दिव्यांगजनों को भस्म आरती अनुमति के दौरान विकलांगता का प्रमाण-पत्र, अन्य पहचान-पत्र तथा उनके साथ आये अटेंडर का परिचय-पत्र दिखाने पर परमिशन दी जा रही है।

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