मोतीनगर के रहवासी पहुंचे जनसुनवाई में
उज्जैन | हाई कोर्ट के आदेश पर जमीदोज हुई मोती नगर को प्रशासन ने फिर से एक माला में पिरोने का प्रयास तो किया है लेकिन प्रशासन के प्रयास से मोति नगर के निवासी संतुष्ट नही है , मोती नगर के रहवासियों को जिस स्थान पर जमीन आवंटित की गई है रहवासियों के अनुसार वह काफी दूर है और विवादित है जबकि प्रशासन ने वह सभी सुविधा उपलब्ध करवाने की बात कही है | उज्जैन इंदौर रोड पर स्थित मोती नगर को एक सप्ताह पहले जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट में लगी एक PIL के बाड़े कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जमिदोज कर दिया था , याचिका कर्ता ने सेतु विभाग की जमीन पर मोती नगर को बसाने की बात कही थी जो सही पाए जाने पर कोर्ट ने उसे तोड़ने के आदेश दिए थे |जिसके बाद प्रशासन ने 104 मकानों को तोड़ने की कार्यवाई कोर्ट के आदेश पर की थी , कार्यवाई से प्रभावित लोगो को जिला कलेक्टर ने तत्काल निमन वासा में पट्टे की जमीन उपलब्ध भी करवाई दी गई है जहा 77 परिवार को चिन्हित कर जमीन दी गई है , लेकिन आज सभी रह्वासियो ने जनसुनवाई में पहुच कर आपत्ति ली है की शासन जो जमीन उपलब्ध करवा रहा है वह भी विवादित है और शहर से काफी दूर है , जबकि जिला कलेक्टर के अनुसार जमीन शासन की है और कोई विवाद नहीं , साथ ही रहवासियों को खाने की व्यवस्था भी करवाई जा रही है |