जय श्री महाकाल के अभिवादन से होगी शुरूआत
उज्जैन | श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से गत वर्ष के अंतिम माह में सिक्यूरिटी एण्ड इंटेलिजेन्स सर्विसेस (एस.आई.एस.) के सुरक्षा कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे है। ड्यूटी पर सुरक्षा कर्मियों को समय-समय पर ट्रेनिंग आफिसरों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। सुरक्षा अधिकारियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों को बताया जाता है कि महाकाल मंदिर की ड्यूटी अन्य स्थानों की ड्यूटी से अलग है और मंदिर में देश –विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है, इसलिए सुरक्षा के साथ-साथ श्रद्धालुओं से प्रेमपूर्वक व्यवहार करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। ड्यूटी पर श्रद्धालुओं के साथ जय श्री महाकाल के साथ ही संवाद की शुरूआत करनी है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री एस.एस.रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकाल मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से एस.आई.एस. के सुरक्षा गार्डों को समय-समय पर निर्देश दिये जाते है कि कोई भी सुरक्षा गार्ड अपनी ड्यूटी के दौरान किसी भी श्रद्धालु से अभद्रतापूर्ण व्यवहार नहीं करेगा, अनुशासनहीनता न हो, अनाधिकृत रूप से अपने परिचित या अपने रिश्तेदारों को दर्शन नहीं करायें, अपना पांईट नहीं छोडें एवं ड्यूटी छोडकर मंदिर में दर्शन के लिए नहीं जायें। किसी व्यक्ति की आस्था को ठेस पहुंचे ऐसा कार्य हमें नहीं करना चाहिए। सुरक्षा गार्डों की समय-समय पर उनके सुरक्षा अधिकारियों द्वारा परेड़ ली जाती है। इस दौरान उन्हें उक्त निर्देशों का कडाई से पालन कराया जाता है।
ड्यूटी देने वाले सुरक्षा गार्ड किसी भी श्रद्धालु से अभद्रता न करें। अनुशासनहीनता करते पाये जाने पर उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावेगी। सुरक्षा गार्ड अपडेट रहें एवं अपने दूसरे साथी को भी अपडेट रहने की सीख दें। अच्छे कार्य करने वाले सुरक्षा गार्ड को प्रशंसा-पत्र दिया जायेगा और सही काम नहीं करने वाले को सेवा से पृथक कर दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि एस.आई.एस. कंपनी के द्वारा उत्कृष्ट करने वाले सुरक्षाकर्मी को ‘’गार्ड ऑफ द मंथ’’ दिया जायेगा और उन्हें नियमानुसार नगद राशि रिवार्ड स्वरूप प्रदान की जायेगी। कोई भी सुरक्षाकर्मी अपने रिलीवर के बगैर अपना पांईट न छोडे। निर्धारित गणवेश में आयें और ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ का सेवन नहीं करें। तिलक या नाडा बांधने पर कोई रोक नहीं है।