महाराष्ट्रीय समाज का सौभाग्य का विशेष पर्व संक्रांति
उज्जैन। महाराष्ट्रीय (मराठा समाज) का सौभाग्य का विशेष पर्व सुहागिन महिलाओ द्वारा संक्रांति का त्योहार तीन दिन तक मनाया जाता है, संक्रांत के पहले दिन भोगी, दूसरे दिन संक्रांत, तीसरे कंक्रान्त इस प्रकार से मनाया जाता है।
सुहागिन महिलाए एक-दूसरे को मिट्टी के छोटे छोटे मटकेनुमा बर्तन में चने के होले, गाजर, बोर, गन्ना एवं तिल मिलाकर भरती है ओर एक दूसरे को हल्दी कुंकु लगाकर पूजा कर सौभाग्य की वस्तुए देती है ओर “तिलगुड़ घ्या आणि गोड़ गोड़ बोला “ऐसा बोलकर शुभकामनायें देती है। इस अवसर पर नई बहु व नवांगत शिशु को तिल से बने आभूषण पहनाये जाते है। यह हल्दी कुंकू रथ सप्तमी तक चलता है। यह महाराष्ट्रीयन का करवाचोथ के जैसा त्यौहार है। इस पर्व सुहाग स्त्रियों का विशेष है।