मन मारकर किया शिप्रा में मौनी स्नान
मौनी अमावस्या पर बुधवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में पुण्य लाभकमाने के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, जो श्रद्धालु प्रयागराज नहीं जा सके, वे भी शिप्रा स्नान के लिए पहुंचे लेकिन इस बार शिप्रा नदी का पानी का काला था, क्योंकि कान्ह नदी का गंदा और प्रदूषित पानी शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए त्रिवेणी शनि मंदिर के समीप कोई प्रबंध नहीं किया गया और न ही इस बार शिप्रा में पर्व स्नान पर नर्मदा का साफ पानी छोड़ा गया, जिसके चलते शिप्रा नदी के काले पानी में ही श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
बुधवार को शिप्रा नदी के मुख्य रामघाट, दत्त अखाड़ा, सिद्ध आश्रम घाट समेत अन्य घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की स्नान के लिए भीड़ रही। शिप्रा नदी का पानी कान्ह की वजह से काला होने के बावजूद श्रद्धालुओं ने आस्था और मौनी अमावस्या के महत्व का हवाला देते हुए स्नान करना बताया। घाटों पर भी साफ-सफाई के कोई इंतजाम नहीं थे। इसे लेकर घाट पर पूजन कराने वाले पंडितों ने भी इसे प्रशासन की बड़ी अनदेखी बताते हुए नाराजगी जताई। नगर निगम के ईई एनके भास्कर ने बताया कि नदी में पर्याप्त पानी था। इसलिए नया पानीं छोड़ा है। पानी पीने योग्य नहीं लेकिन नहाने योग्य है और आक्सीजन भी पर्याप्त है।