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फीवर क्लिनिक प्रात: 8 से रात्रि 8 बजे तक क्रियाशील रहें, यह सुनिश्चित किया जाये



कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में दिये निर्देश
उज्जैन |  कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज बृहस्पति भवन में स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि फीवर क्लिनिक प्रतिदिन प्रात: 8 से रात्रि 8 बजे तक क्रियाशील रहें, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने नागदा में बढ़ रहे कोरोना पॉजीटिव प्रकरणों पर चिन्ता व्यक्त की तथा बीएमओ नागदा को कोरोना पॉजीटिव मरीजों के उपचार एवं उनके प्रबंध पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अंकित अस्थाना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल, जिले के सभी विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी, जिला एवं विकास खण्ड स्तर के तकनीकी प्रबंधक मौजूद थे।
नागदा के लैब टेक्निशियन को निलम्बित करने के निर्देश
    बैठक में कलेक्टर को नागदा के चिकित्सा अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि वहां कार्यरत लैब टेक्निशियन धर्मेन्द्र निरन्तर चिकित्सा अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अभद्रता करता है तथा कोरोना के सेम्पल लेने में लापरवाही बरतता है। कलेक्टर ने सम्बन्धित लैब टेक्निशियन को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने के निर्देश जिला पंचायत सीईओ को दिये हैं।
    बैठक में गर्भवती महिलाओं के पंजीयन के लिये चलाये जा रहे अनमोल अभियान की समीक्षा की गई तथा निर्देश दिये हैं कि आगामी एक सप्ताह में लक्षित गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीयन हो जाना चाहिये। उल्लेखनीय है कि लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 73 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है। बैठक में शिशुओं के पंजीयन कार्य की भी समीक्षा की गई। जिले में अक्टूबर तक कुल 26 हजार 992 शिशुओं के पंजीयन का लक्ष्य निर्धारित था। इसके विरूद्ध 13 हजार 646 शिशुओं का ही पंजीयन किया गया है। कलेक्टर ने लक्ष्य अनुसार पंजीयन एक सप्ताह में करने को कहा है। बैठक में हैल्थ एवं वेलनेस सेन्टर्स की समीक्षा की गई तथा निर्देश दिये गये कि इन केन्द्रों पर यदि संसाधनों की कमी है तो उसे चिन्हित कर शीघ्र पूरा किया जाये। उल्लेखनीय है कि हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स पर गर्भावस्था में मां की देखभाल, नवजात शिशुओं की देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भ निरोधक एवं प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं व संक्रामक रोगों का उपचार किया जाता है। जिले में कुल 45 हैल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्र के रूप में चिन्हित किये गये हैं।
उप स्वास्थ्य केन्द्र के लिये जमीन आवंटन करवाने के निर्देश
    बैठक में बताया गया कि जिले में 18 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये जमीन उपलब्ध नहीं है। इन केन्द्रों के लिये पांच हजार से 10 हजार वर्गफीट जमीन की आवश्यकता है। कलेक्टर ने सम्बन्धित बीएमओ को जमीन आवंटन के लिये अपने-अपने क्षेत्र के एसडीएम से सम्पर्क कर स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सप्ताह में दो दिन फील्ड में निरीक्षण करें
    कलेक्टर ने बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल को निर्देशित किया है कि सप्ताह में दो दिन भ्रमण कर ग्रामीण क्षेत्र के उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण करें एवं उनकी प्रबंध व्यवस्था एवं संसाधनों के सदुपयोग के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करें। साथ ही कोई समस्या आने पर तुरन्त कलेक्टर को जानकारी उपलब्ध करवाई जाये।

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