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29 सितम्बर ‘विश्व हृदय दिवस’



उज्जैन | मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला उज्जैन डॉ.महावीर खंडेलवाल ने बताया कि प्रतिवर्ष 29 सितम्बर को ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता है। इस अवसर पर लोगों के बीच में इस जानकारी को अधिक से अधिक पहुंचाने के लिये लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जनजागृति रैली, विकासखण्ड स्तर पर बैठकों का आयोजन करके लोगो को जागरूक करने हेतु आयोजन किये जायेंगे।
वर्तमान में आरामदायक जीवनशैली के कारण खान-पान में हुए परिवर्तन के कारण तेज गति से हृदय संबंधी बीमारियां सामने आ रही हैं। जीवित रहने का आधार निरंतर रक्त प्रवाह है। हमारे शरीर में इस रक्त प्रवाह को निरंतर जारी रखने का काम जो पम्प करता है वह दिल ही है। हृदय को काम करने के लिये स्वयं ऑक्सीजन एवं ग्लूकोज की जरूरत होती है। कोलेस्ट्राल के बढ़े रहने से नलिकाओं की अंदरूनी सतह पर वसा के थक्के जम जाते है एवं मधुमेह में शुगर बढ़े होने से इन्हीं के उपर खून के थक्के भी जमने लगते है। यही सब प्रक्रियाएं धीरे-धीरे नलिकाओं को सिकोड देती है। ऐसी किसी भी जगह पर एकाएक खून के जम जाने से नलिकाएं पूरी तरह चोक हो जाती है। हृदय की मांसपेशियों को खून पहुंचना बन्द हो जाए ऐसी स्थिति को हार्ट-अटैक कहते है। इससे हृदय खून पम्प नहीं कर पाता और मरीज का ब्लड प्रेशर गिरने लगता है एवं मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
हार्ट-अटैक की संभावनाओं को बढ़ाने वाली स्थितियां
हाई बी.पी. (हाइपरटेंशन), मधुमेह, खून में वसा के अनुपात में गड़बड़ी, मोटापा, व्यायाम की कमी, धुम्रपान या तम्बाकू का सेवन, गरिष्ठ एवं वसायुक्त भोजन, आनुवांशिकता-खून के रिश्ते में मधुमेह, हाई बी.पी. या हृदय रोग का होना।
हार्ट अटैक से बचाव
वजन पर नियंत्रण, नियमित व्यायाम, मानसिक तनाव से दूर रहें, स्वस्थ खान-पान रखें, तेलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।

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