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महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच करने के लिए आएगा CBRI का दल



उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच करने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ), रुड़की का दल मंगलवार को उज्जैन आएगा। दल में तीन विशेषज्ञ शामिल रहेंगे। ये मंदिर के शिखर, नीव, दीवारें आदि की जांच कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके बाद इंजीनियरिंग प्लान बनेगा। इसी प्लान के आधार पर मंदिर में नए निर्माण कार्य कराए जाएंगे।

बता दें कि ज्योतिर्लिंग क्षरण केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआरआइ, रुड़की की टीम सितंबर-2019 में भी मंदिर का निरीक्षण कर चुकी है। टीम ने एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। साथ ही विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए 12 महीने का समय मांगा था। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए सीबीआरआइ ने 41.30 लाख रुपये के भुगतान की भी मांग की थी। 1 सितंबर 2020 को क्षरण केस में दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआरआइ को प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने और छह महीने के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही केंद्र सरकार को 41.30 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए निर्देशित किया है।

इन बिंदुओं पर पड़ताल करेगा दल

-मंदिर की नीव कितनी गहरी है। नीव का जुड़ाव कहां-कहां व मूल मंदिर से कितनी दूर तक है।

-कितनी दूर व किस गहराई तक की खोदाई करने से मंदिर स्ट्रक्चर को नुकसान नहीं पहुंचेगा।

-मंदिर की दीवारों में लगा पत्थर कौन सा है, इनका घनत्व कितना है।

-स्ट्रक्चर की भार सहन करने की क्षमता, अगर नया निर्माण करना है, तो वह कहां और कैसे हो।

-नए निर्माण कार्यों में कौन सी सामग्री व कौन से पत्थरों का उपयोग करना है।

समिति के पास नहीं है इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर का संदर्भ
मंदिर प्रशासक सुजानसिंह रावत के अनुसार फिलहाल समिति के पास मंदिर के स्ट्रक्चर का इंजीनियरिंग से जुड़ा संदर्भ नहीं है। रुड़की की टीम निरीक्षण कर इंजीनियरिंग प्लान तैयार करेगी। इसी के आधार पर भविष्य में निर्माण कार्य होंगे।

समिति ने की तैयारी 
प्रशासक रावत ने बताया मंदिर से जुड़ी सभी जानकारियां विशेषज्ञों के दल से साझा की जाएंगी। इसके लिए तैयारियां कर ली गई हैं। इसके अलावा प्रस्तावित प्रोजेक्टों के बारे में भी बताया जाएगा। बता दें कि वर्तमान में मंदिर के आसपास कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। टीम इन्हें भी देख सकती है। आने वाले समय में मंदिर के नंदी हॉल व अन्य परिसर का विस्तार होना है। महानिर्वाणी अखाड़े भवन क्षेत्र का भी विकास व सुंदरीकरण भी प्रस्तावित है।

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