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इंदोख बैराज परियोजना से किसानों में खुशी की लहर, पेयजल और सिंचाई की समस्या से मिलेगी निजात



उज्जैन | रविवार को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा महिदपुर तहसील के ग्राम इंदोख में जल संसाधन विभाग द्वारा छोटी काली सिंध नदी पर 79 करोड रुपए की लागत से बनाई गयी इंदोख बैराज परियोजना का लोकार्पण किया गया। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना से आसपास के 6100 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी, साथ ही पेयजल की भी समस्या से निजात मिलेगी।
      परियोजना के प्रारंभ होने से आसपास के गांवों के किसानों और ग्रामीण जनों में खुशियों की लहर है। कार्यक्रम में आए ग्राम इंदोख के किसान कालू सिंह उम्र 50 वर्ष ने बताया कि वे तीन से चार बीघा में खेती करते हैं। परियोजना के प्रारंभ होने से किसानों को सिंचाई में काफी सुविधा मिलेगी। पहले बहुत समस्या होती थी।  वे साल मेंं केवल दो ही फसल ले पाते थे।लेकिन अब डैम बन जाने से वे तीन से चार फसल ले सकेंगे।
गेहूं के बाद 1-2 और अतिरिक्त फसल लेने की संभावना डैम बन जाने से उत्पन्न हो गई है। इससे पानी के लिए आसपास के किसानों को जल के अस्थाई स्त्रोतों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
सिंचाई हेतु किसान और पेयजल हेतु ग्रामीण बनेंगे आत्मनिर्भर
शासन को कोटि-कोटि धन्यवाद
इंदोख के ही एक अन्य किसान 50 वर्षीय शंकरलाल ने बताया कि इस परियोजना के प्रारंभ होने के पश्चात सिंचाई हेतु किसान और पेयजल हेतु ग्रामीण आत्मनिर्भर बन सकेंगे। शंकर लाल की 4 बीघा कृषि भूमि है। पहले सिंचाई के लिए पास में स्थित नहर और कुए का ही सहारा था। लेकिन कई बार नहर का पानी सूख जाने और कुए का जलस्तर नीचे चले जाने से सिंचाई में बहुत समस्या आती थी।
साथ ही समय पर बारिश ना होने से फसलों को काफी नुकसान पहुंचता था। बांध बन जाने से पूरे साल सिंचाई भरपूर हो सकेगी और किसानों को समय पर बारिश होने की चिंता से भी छुटकारा मिलेगा।
शासन की एक नंबर योजना
ग्राम बोरखेड़ा नाउ निवासी 70 वर्षीय मान सिंह ने कहा कि यह शासन की एक नंबर योजना है। पहले सिंचाई के आखरी फेरे में पानी टूट जाता था, लेकिन अब पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। सही समय पर फसलों की सिंचाई होने से रकबा भी बढ़ेगा और किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी। साथ ही इससे आस-पास के गांवों में पेयजल की पर्याप्त सुविधा हो जाएगी। पहले अक्सर  नदी सूख जाती थी। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दूर-दूर भटकना पड़ता था। जीवन के लिए भोजन और पेयजल दोनों ही बेहद आवश्यक होते हैं। शासन द्वारा ग्रामीणों तक इन दोनों की पहुंच को सरल बनाने के लिए इंदौख और आसपास के ग्रामीण जन मुख्यमंत्री के सदैव आभारी रहेंगे।

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