रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी 14 दिन क्वारंटाईन में रखा
नागदा । कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। नगर के एक बुजुर्ग की रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी स्वजनों को 14 दिन क्वारंटाइन रखा गया। वहीं, उपचार के दौरान मौत होने पर विभाग ने कोरोना नियमों के तहत बुजुर्ग का अंतिम संस्कार भी कर दिया। स्वजनों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, गृहमंत्री व मंडी पुलिस थाने में की है।
अशफाक खान निवासी अयोध्या कॉलोनी जवाहरमार्ग गली नं. 1 ने पुलिस को दिए आवेदन में आरोप लगाया कि पिता अकबर खान उम्र 70 वर्ष की 21 जुलाई को तबीयत खराब हुई थी। निजी अस्पताल ले जाने पर वहां से शासकीय अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। सांस लेने में तकलीफ होने पर शासकीय अस्पताल से उन्हें माधवनगर अस्पताल उज्जैन रेफर कर दिया गया। यहां उनका सैंपल लेकर उपचार शुरू किया गया। 22 जुलाई को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बावजूद पूरे परिवार को क्वारंटाइन रखा गया। 23 जुलाई को अकबर खान की मौत हो गई। इस पर अस्पताल के कर्मचारियों ने कोरोना नियमों के तहत उनका अंतिम संस्कार कर दिया। अशफाक का कहना है कि जब रिपोर्ट निगेटिव थी तो फिर उनके पिता का शव उन्हें क्यों नहीं सौंपा गया। झालावाड़ निवासी चाचा वाहिद खान उपचार के लिए यहां आए हुए थे। पिता की मौत की खबर सुनकर उनकी भी मौत हो गई। मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, स्वास्थ्य विभाग के सचिव, मंडी थाने में इसकी शिकायत की है। दोषियों पर कार्रवाई कर न्याय मांगा है।
डेढ़ महीने बाद दी रिपोर्ट की कॉपी
अशफाक ने बताया कि 1 अगस्त को कंटेनमेंट हटाया गया था। इसके बाद हम उज्जैन माधवनगर अस्पताल गए और रिपोर्ट मांगी। वहां से हमें रिपोर्ट देने से मना कर दिया गया। कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद जब उच्च अधिकारियों को शिकायत की तब जाकर रिपोर्ट की डेढ़ माह बाद रिपोर्ट की कॉपी हमें दी गई। इसमें अकबर खान के सैंपल को निगेटिव बताया गया है।