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700 ग्राम के नवजात शिशु को जिला चिकित्सालय में मिला जीवनदान


उज्जैन | कहा जाता है कि जीवन और मृत्यु ईश्वर के हाथों में होती है। ईश्वर वैसे तो सब जगह विद्यमान है, लेकिन उन्होंने मानव जीवन की रक्षा के लिये बतौर प्रतिनिधि जगह-जगह चिकित्सकों को भी भेजा है। वर्तमान में यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि चिकित्सक निश्चित रूप से ईश्वर के दूत हैं। दो माह पहले 10 जून को आगर-मालवा जिले के गांव इकलेरा निवासी शाहरूख की पत्नी फरज़ाना ने एक नवजात बालिका को जन्म दिया था। जन्म के पश्चात जब बालिका का वजन किया गया तब वह केवल 700 ग्राम वजन की पाई गई थी। इतना कम वजन होने के कारण बालिका के माता-पिता काफी परेशान हो गये थे।
   बालिका की हालत गंभीर थी और उसे तुरन्त अगले ही दिन 11 जून को शहर के चरक भवन स्थित एसएनसीयु में भर्ती कराया गया। एसएनसीयु के प्रभारी डॉ.दिलीप वास्के ने बताया कि भर्ती कराई गई नवजात बालिका की देखभाल सभी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने की और बालिका लगभग 60 दिनों तक युनिट में भर्ती रही। धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्य में सुधार होता गया तथा उसका वजन बढ़कर अब एक किलो 100 ग्राम हो गया है। अपनी नवजात बच्ची को पूर्ण रूप से स्वस्थ देखकर उसके माता-पिता काफी खुश हुए। विगत 7 अगस्त को बालिका को पूर्णत: स्वस्थ हालत में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। बालिका के माता-पिता ने कहा कि डॉक्टरों ने उनकी बच्ची को एक नई जिन्दगी दी है, जिसके लिये वे सभी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का धन्यवाद देते हैं। डॉ.वास्के ने बताया कि बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया है लेकिन उसका फालोअप समय-समय पर स्टाफ द्वारा किया जायेगा।

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