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‘पेंशन एट डोरस्टेप’ योजना शुरू होगी जिले में दिव्यांगों को घर बैठे पेंशन मिलेगी


 

उज्जैन | ‘पेंशन एट डोरस्टेप’ के तहत जिले के सभी विकलांगों को घर बैठे पेंशन दिये जाने की योजना शीघ्र ही उज्जैन जिले में प्रारम्भ की जायेगी। पेंशन बैंकिंग करस्पांडेंट के माध्यम से प्रतिमाह शत-प्रतिशत दिव्यांगों को उनके घर जाकर दी जायेगी। इस सम्बन्ध में कार्य योजना बनाने के निर्देश कलेक्टर ने संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय को दिये हैं। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज बृहस्पति भवन में सामाजिक न्याय विभाग एवं नि:शक्त कल्याण विभाग की लोकल लेवल कमेटी एवं विभागीय योजनाओं की बैठक ली एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अंकित अस्थाना, सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक श्री सीएल पंथारी, स्नेह संस्था के श्री पंकज मारू, श्री विक्रम चन्द्रवंशी श्री संजय सक्सेना एवं अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
    बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि मानसिक विकलांगता की जांच के लिये निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे न्यूरो सर्जन को हायर किया जाये, जिससे जिले के मानसिक विकलांगों का समय-समय पर उपचार एवं प्रमाण-पत्र जारी किया जा सके।
पंचायत सचिव प्रत्येक ग्राम में ग्राम के नि:शक्तजनों की सूची तैयार करेंगे
    जिले में नि:शक्तजनों के सर्वेक्षण के लिये ग्राम पंचायत सचिव को एक प्रपत्र प्रदान किया जायेगा, जिसमें वे ग्राम के सभी नि:शक्तजनों के नाम, विकलांगता का प्रकार एवं अन्य जानकारी भरकर जनपद पंचायत में जमा करवायेंगे। इससे जिले में नि:शक्तता से प्रभावित लोगों की वास्तविक संख्या का आंकलन किया जा सकेगा। कलेक्टर ने इस सम्बन्ध में अगस्त माह के दूसरे सप्ताह में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये हैं।
    बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में ग्रामीण क्षेत्र में कुल 981 तथा शहरी क्षेत्र में 884 अट्ठारह वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांगजन है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के 285 एवं शहरी क्षेत्र के 258 मानसिक दिव्यांगजनों की लीगल गार्जियनशिप दी चुकी है। कलेक्टर ने इनकी संख्या बढ़ाने के लिये विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि मानसिक दिव्यांगों को दो तरह की पेंशन मिलती है। इसमें एक नि:शक्तजन पेंशन एवं दूसरी मानसिक दिव्यांग होने के कारण, किन्तु उक्त दोनों पेंशन केवल नागदा क्षेत्र में ही दी जा रही है। कलेक्टर ने इस सम्बन्ध में संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय को परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं तथा जिले के अन्य क्षेत्र में भी इसी तरह की पेंशन प्रारम्भ करने को कहा है।
 

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