कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन को उत्कृष्ठ प्रदर्शन से मिला पुरस्कार
उज्जैन | भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के 92वें स्थापना समारोह एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आनलाइन लाईव कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य तथा राज्य मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला, श्री कैलाश चौधरी एवं महानिदेशक डॉ.त्रिलोचन महापात्रा के विशेष आतिथ्य में आयोजन किया गया।
उक्त भव्य कार्यक्रम में करीब 992 सहभागियों के साथ भारत वर्ष के सभी अनुसंधान केन्द्रों, संचालनालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों ने वर्चुअल भाग लिया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जोन क्र. 9 (म.प्र. एवं छत्तीसगढ) के 81 केन्द्रो में उत्कृष्ठ कार्य करने के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन को पं.दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार (जोनल) पुरस्कार से सम्मानित किया गया । यह पुरस्कार कृषि विज्ञान केन्द्र को नया समंन्वित फसल पद्धति मॉडल विकसित करने, विभिन्न फसलों में नमी संरक्षण करने हेतु मेड-नाली पद्धति द्वारा बुआई, नंमी संरक्षण एवं जमीन की निचली सतह से जल निकास हेतु सब-सोयलर का उपयोग, गेहूं की उत्पादकता में विभिन्न आयामों द्वारा वृद्धि, फसल विविधीकरण से लाभ आदि कार्यों के द्वारा कृषकों की आय वृद्धि करने हेतु दिया गया।
यह कृषि विज्ञान केन्द्र अपनी स्थापना वर्ष 2004 से निरन्तर कृषकों, कृषक महिलाओं, ग्रामीण युवाओं एवं यवतियों को रोजगारनोमुखी कार्य कर रहा है विगत पांच वर्षों में केन्द्र द्वारा 80 प्रक्षेत्र परीक्षण, 1384 प्रथम पंक्ति प्रदर्शन तथा 329 कृषक प्रशिक्षणों द्वारा किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि की गई जिसमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प ‘‘2022 तक किसानों की आय दुगनी करना’’ को मूर्त रूप देने में महत्ती भूमिका निभाई है। कृषि विज्ञान केन्द्र की इस उपलब्धि के लिये केन्द्र के वैज्ञानिकों को डॉ. एस. के. राव कुलपति, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्धालय, ग्वालियर, डॉ. अनुपम मिश्रा, संचालक, अटारी, जोन 9, भारतीय कृषि अनु. परिषद्, डॉ. एस.एन.उपाध्याय, संचालक विस्तार सेवाएं, डॉ. एम.पी.जैन, संचालक अनुसंधान सेवाए, डॉ. सांई प्रसाद, संचालक गेहूं अनुसंधान के आई.ए.आर.आई तथा अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के साथ कृषक समूहों द्वारा बधाई दी जा रही है।
इस उपलब्धि को अर्जित करने में केन्द्र प्रमुख डॉ. आर.पी.शर्मा के साथ डॉ.. एस.के.कौशिक, डॉ. डी.एस.तोमर, डॉ. डी.के. सूर्यवंशी, डॉ. रेखा तिवारी, डॉ. एच.आर.जाटव, श्री ललित जैन, डॉ. मोनी सिंह, श्रीमती ग़ज़ाला खान, श्री राजेन्द्र गवली, श्रीमती रूचिता कनोजिया, श्री अजय गुप्ता, श्रीमती सपना सिंह एवं श्री राजेश वर्मा का विशेष योगदान रहा।