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जो डॉक्‍टर नहीं खोल रहे अपना क्‍लीनिक, उनका बिजली-पानी होगा बंद



उज्जैन. कोरोना संक्रमण फैलने के बाद से अधिकांश प्राइवेट डॉक्टर्स चिकित्सा सेवाएं नहीं दे रहे हैं। ऐसे में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी करने और चेतावनी देने के बाद भी क्लीनिक पर ताले लगे हैं प्राइवेट डॉक्टर दंत रोग विशेषज्ञ हितेश दिल्लीवाल ने कलेक्टर आशीष सिंह से मांग की है कि जो डॉक्टर अपने क्लिनिक पर चिकित्सा सेवाएं नहीं दे रहे हैं उनके घर की बिजली पानी बंद कर दिया जाएं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है। डॉ. दिल्लीवाल ने कहा क्लिनिक नहीं खुलेंगे तो मरीज कहां जाएंगे? जब डॉक्टर 20 लाख से महंगी कार खरीद सकते हैं तो 500 की किट नहीं खरीद सकते।

4-4 बेड का आइसोलेशन वार्ड बना सुविधा देनी है अस्पतालों को
शहर में 16 प्राइवेट हॉस्पिटल है। इनमें चार-चार बेड का आइसोलेशन वार्ड शुरू किया जाए तो 64 मरीजों को इलाज मिल सकता है। अब तक  202 मरीज कोरना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिनमें से 62 मरीज इलाज के बाद ठीक होकर घर जा चुके हैं तथा तिरिया लिस्ट मरीजों की मौत हो चुकी है यानि अब केवल 97 मरीज अंडर ट्रीटमेंट है। इनमें से 19 गंभीर मरीजों को भी छोड़ दिया जाए तो केवल 78 मजीज बचते हैं। इनमें से भी 64 मरीजों का इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल्स में हो जाए तो केवल 14 मरीजों का ही लोड माधवनगर हॉस्पिटल तथा मेडिकल कॉलेज पर रहेगा।

4 से 5 हजार मरीजों का इलाज रोज होता था, अब नहीं हो रहा
उज्जैन  के 450  से ज्यादा क्लीनिक व प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रतिदिन चार से पांच हजार मरीजों का इलाज होता था। कोरोना संक्रमण फैलते ही इन मरीजों का इलाज बंद हो गया क्योंकि प्राइवेट डॉक्टर्स ने क्लिनिक बंद कर दिए तथा प्राइवेट हॉस्पिटल में नए मरीजों को लेना बंद कर दिया।

वार्ड शुरू हो तो मिलेगा इलाज
सीएमएचओ डॉ.अनुसुइया गवली ने कहा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में चार-चार बेड के आइसोलेशन वार्ड शुरू करने के आदेश दे रखे हैं। शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल में वार्ड शुरू हो तो मरीजों को इलाज मिलने लगेगा।

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