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कोरोना वायरस : जिले में बढ़ रहा मौत का ग्रॉफ, दो दिन में 5 मौत



जिले में कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को तीन और मौतें दर्ज की गईं। रविवार को भी भाजपा पार्षद मुजफ्फर हुसैन सहित एक अन्य महिला की मौत हुई थी। इन्हें मिलाकर संक्रमण से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 35 पर पहुंच गया है। जिले में डेथ रेट तेजी से बढ़ता जा रहा है और अब यह 21 प्रतिशत के पार हो गया है।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह इंदौर और भोपाल जैसे शहरों से कई गुना अधिक है। इंदौर में सोमवार तक डेथ रेट 4.77 फीसद था। जबकि रिकवरी रेट 22. 47 था। इधर उज्जैन का रिकवरी रेट भी कम है। अब तक केवल 14.45 मरीज (कुल 25) ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। उज्जैन जिले में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 25 मार्च को सामने आया था। जांसापुरा निवासी 65 साल की महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। यह प्रदेश की भी पहली मौत थी। इसके बाद जिले में स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ी थी। 20 अप्रैल तक कुल आठ मौतें हुई थीं।

मगर इसके बाद स्थिति बेकाबू होती गई। 21 अप्रैल से लेकर 4 मई तक 130 से अधिक नए मामले सामने आए। साथ ही मौतों की संख्या भी बढ़ती गई। इसके बाद यहां की उपचार व्यवस्थाओं पर भी लगातार सवाल उठते गए। 14 दिनों में 27 मौतें उज्जैन में 21 अप्रैल से लेकर 4 मई तक कुल 27 मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पेंडिंग रिपोर्टें एक साथ आने से मरीजों की संख्या बढ़ी। साथ ही कोमोरबिडिटी (एक समय में एक से अधिक बीमारी होना) के कारण भी कई मौतें हुई हैं, इसलिए आंकड़ा बढ़ा है।

उज्जैन में ऐसे बढ़ता गया मौत का ग्राफ
25 मार्च से 5 अप्रैल- 5 मौतें 6 अप्रैल से 15 अप्रैल-2 मौतें 16 से 20 अप्रैल-1 मौत 21 से 4 मई -27 मौतें

90 फीसदी मरीज कोमोरबिडिटी के शिकार
उज्जैन में लगातार हो रही मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मरीजों की कोमोरबिडिटी (एक समय में एक से अधिक बीमारी होना) से मौत हुई है। 90 फीसदी मरीजों को शुगर, हाइपरटेंशन, ह्रदय रोग आदि बीमारियां भी थीं। उज्जैन सीएमएचओ ड. अनुसूइया गवली के अनुसार कोरोना संक्रमण के कारण उन मरीजों को ज्यादा दिक्कत हो रही है जिन्हें पहले से भी बीमारियां हैं। उज्जैन में भी यही स्थिति है।

इलाज व्यवस्था पर भी उठते सवाल
उज्जैन शहर के मरीजों के इलाज के लिए फिलहाल प्रशासन स्थानीय आरडी गार्डी अस्पताल के भरोसे हैं। कई दावों के बावजूद यहां की व्यवस्थाओं पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। मृतकों के स्वजनों ने भी इस बात की शिकायतें दर्ज कराई हैं। रविवार को पार्षद मुजफ्फर हुसैन की मौत के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में भी पार्षद ने भी अस्पताल की अव्यवस्थाओं के बारे में बताया था।

अब तक 176 पॉजिटिव केस
उज्जैन जिले में अब तक कुल 176 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनमें से तीन रतलाम जिले में मिले थे और उनका उपचार वहीं जारी है। ज्यादातर नए मामले कंटेनमेंट क्षेत्रों से ही हैं। उज्जैन शहर के 30 से अधिक क्षेत्रों को पूरी तरह सील कर दिया गया है। वहीं बड़नगर और नागदा में भी 3-3 क्षेत्रों को कंटेनमेंट क्षेत्र बनाया गया है। नागदा में अब तक कुल 11 मरीज मिले हैं। यहां के एक किराना व्यापारी की भी मौत हो चुकी है। वहीं बड़नगर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 29 हो गई है। यहां एक ही परिवार के चार लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है।

फिलहाल कोई छूट नहीं
उज्जैन जिला पहले से ही रोड जोन में है। फिलहाल यहां कोई छूट नहीं दी गई। प्रशासन ने कुछ उद्योगों को शर्तों के साथ छूट जरूर दी है। लॉकडाउन 3.0 की घोषणा के साथ यह संभावना जताई जा रही थी फ्रीगंज सहित कुछ इलाकों में ढील दी जा सकती है। मगर यहां अभी सब कुछ बंद रहेगा।

इंदौर से तुलनाः डेथ रेट में आगे, रिकवरी में पीछे 21.08  प्रतिशत  डेथ रेट उज्जैन का 4.77  प्रतिशत  डेथ रेट इंदौर का 14.45  प्रतिशत  रिकवरी रेट उज्जैन का 22.47 प्रतिशत  रिकवरी रेट इंदौर का

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