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प्रेरक कहानी - जब “जय हो, जय हो, महाकाल बाबा की” से गूंज उठा गांधीनगर



67 वर्ष लालचंद जैन को  कोरोना को  पराजित कर घर लौटे
उज्जैन |  उज्जैन शहर के गांधीनगर की  वह  गली  जहां पर 67 वर्षीय लालचंद जैन रहते हैं, जब  उनकी कोरोना वायरस की जांच  रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उदास हो  गयी। स्वाभाविक ही था  उनके मोहल्ले में कोरोना के  खतरे  ने  दस्तक जो  दे दी  थी, लेकिन समय पर  जांच, हौसला अफजाई, दवाई  और  पौष्टिक  आहार के चलते लालचंद जैन 2 मई को स्वस्थ होकर अपने घर  लौटे।
    जैसे ही आरआरटी  टीम श्री लालचन्द जैन को लेकर  गांधीनगर पहुंची लोगों ने खड़े होकर जोर जोर से तालियां बजाना शुरू कर दी, जय महाकाल के जयकारे लगाए। लालचंद जैन भी  उत्साह से  हाथ  उठाकर  सभी  लोगों का अभिवादन स्वीकार  करते   और  धीरे-धीरे अपने घर की ओर बढ़ रहे थे। स्वस्थ होकर लोटे श्री  लालचंद जैन को लेकर उनके मोहल्ले में जो उत्साह था वह वाजिब भी था क्योंकि उनकी उम्र 67 वर्ष है और ऐसे उम्र दराज लोगों को  कोरोना  वायरस का खतरा ज्यादा ही होता है। फिलहाल लालचंद जैन का घर लौटना जहां लोगों में कोरोना वायरस की लड़ाई के विरुद्ध एक आस्था जगाता है। वही इस खतरे  के  बीच में काम कर रहे चिकित्सकों, प्रशासनिक व  पुलिस  अधिकारियों  की मेहनत के प्रति भी विश्वास को मजबूत करता है। जिला कलेक्टर  श्री शशांक मिश्र ने  अपने वीडियो संदेश में कहा भी है कि   आम जन को यदि कोरोना वायरस वायरस से संक्रमण की शंका हो तो  वे उसको छुपाए नहीं और तुरंत ही 104 पर  सूचना दें। जल्दी सूचना मिलेगी  तो मरीज की देखभाल भी अच्छे से होगी। जांच भी होगी और निश्चित रूप से  लालचंद जैन की  तरह  ठीक होकर लोग अपने घरों की ओर  लौटेंगे।  गांधीनगर के लोगों ने न केवल  लालचंद जैन का स्वागत किया बल्कि  चिकित्सा विभाग की  वहां पर  तैनात आरआरटीटी जिसमें डॉक्टर रोनक एलची, डॉ.अभिषेक सिसोदिया, चिकित्सा कर्मी सुश्री रीना कुशवाहा, श्री राजेंद्र, पुलिसकर्मी  श्री  सूर्य कुमार सिंह का भी ताली बजाकर शुक्रिया अदा किया, जिनकी  सक्रियता  की वजह से गांधीनगर में कोरोना वायरस का ज्यादा फैलाव नहीं हुआ।

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