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चार दिन में 31 से बढ़कर 106 हुई कोरोना संक्रमितों की संख्‍या, लापरवाही के लगे आरोप



उज्जैन जिले में कोरोना संक्रमण ने बीते चार दिनों से सभी की नींद उड़ा दी है। 21 से लेकर 24 अप्रैल तक 75 नए केस सामने आए हैं। 20 अप्रैल अप्रैल को आंकड़ा 31 पर था। मगर 24 अप्रैल की रात ये 106 हो गया। बड़ी संख्या में सामने आए केसों को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य अमले का कहना है कि बीते करीब आठ दिनों से लगातार रिपोर्टे पेंडिंग चल रही थीं। इनकी रिपोर्ट एक साथ आई, इसलिए आंकड़े बढ़े हैं। आने वाले दिनों में नए केस कम होंगे। हालांकि इस बीच प्रशासन ने 24 घंटों में 286 नए सैंपल लिए हैं। इन सभी को जांच के लिए भेजा गया है। यहां कोरोनो से मौत का आंकड़ा 16 पहुंच गया है।

उज्जैन जिले में संक्रमण का पहला मामला 25 मार्च को सामने आया था। 20 अप्रैल तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 31 तक था। मगर चार दिनों में ही 240 फीसदी मामले बढ़ गए। गुरुवार देर रात और शुक्रवार को कुल 18 नए केस सामने आए। इनमें बड़नगर के पांच और नागदा का एक मरीज भी शामिल है। बाकी सभी उज्जैन शहर के हैं। संक्रमण कुछ नए इलाकों में भी पहुंचा है। इनमें मुनि नगर और महानंदा नगर क्षेत्र भी शामिल हैं। हालांकि स्वास्थ्य अमले का कहना है कि जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, इनमें से अधिकांश क्वारंटाइन हैं और कंटेनमेंट एरिया के रहवासी हैं।

गुरुवार-शुक्रवार को इन क्षेत्रों के रहवासियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली
बड़नगर, नागदा, शहर का सैफी मोहल्ला, तोपखाना, गीता कॉलोनी, अंकपात मार्ग, मुनि नगर, महानंदा नगर, भार्गव नगर, शिकारी गली, बेगमबाग रोड। इनमें से अधिकांश इलाके पहले से ही क्वारंटाइन हैं। नए केस सामने आने के बाद मुनिनगर, महानंदानगर को भी क्वारंटाइन क्षेत्र बना दिया गया है।

पार्षद बोली, धर्मेद्र की मौत में लापरवाही
आरडी गॉर्डी अस्पताल में कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों के उपचार को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। यह आरोप लगाते हुए पार्षद माया त्रिवेदी ने लगाया कि जो मरीज पॉजिटिव आते हैं, उनके उपचार की बात तो दूर उन्हें देखने डॉक्टर तक नहीं आ रहे है। कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारी धर्मेंद्र जोशी ने खुद उन्हें फोन पर बताया था कि अस्पताल में उन्हें ऑक्सीजन नहीं दी जा रही है। इसके चलते वे मर जाएंगे और वहीं हुआ। जबकि धर्मेद्र से बात होने के बाद उन्होंने इससे एसडीएम डाबर को अवगत करा दिया था।

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