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भावी जीवन साथी से मिलकर खिले दिव्यांगजनों के चेहरे



उज्जैन में वृहद स्तर पर दिव्यांग विवाह परिचय सम्मेलन आयोजित हुआ, सभी धर्मों के युवक-युवतियों ने लिया हिस्सा, 33 से अधिक जोड़े बने
उज्जैन | मंगलवार को सन्त रविदासधाम खाकचौक स्थित परिसर में जिला प्रशासन द्वारा वृहद स्तर पर दिव्यांग युवक-युवतियों का परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया। यह आयोजन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग, नगर पालिक निगम उज्जैन, जनपद पंचायत उज्जैन और घट्टिया एवं उज्जैन सकल मंगलम सामूहिक विवाह समिति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसमें सुबह से ही सभी धर्मों के दिव्यांग युवक-युवतियां अपने माता-पिता सहित पंजीयन के लिये आये और स्थानीय समाजसेवी संस्थाओं द्वारा मंच के माध्यम से उनका परिचय करवाया गया।
    परिचय सम्मेलन में विधायक श्री रामलाल मालवीय, सीईओ जिला पंचायत श्री नीलेश पारिख, अपर कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री करण कुमारिया, सेवाधाम आश्रम के संचालक श्री सुधीरभाई गोयल, समाजसेवी श्री केशरसिंह पटेल, श्री राजू पटेल, श्री संतोष वर्मा, श्री अनिल परमार, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्री सीएल पंथारी, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी, आनन्दक और समाजसेवी श्री नासीर बेलीम, अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण, समाजसेवी संस्थाएं और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
    उल्लेखनीय है कि इस परिचय सम्मेलन में उज्जैन शहर, उज्जैन जनपद और घट्टिया जनपद के आसपास से लगभग 200 आवेदन आये, जिनमें से 33 से अधिक जोड़े बन चुके हैं। दिव्यांगजनों के जोड़ों की काउंसलिंग के पश्चात फरवरी माह में सामूहिक विवाह और निकाह कार्यक्रम जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे समाजसेवी और सेवाधाम आश्रम के संचालक श्री सुधीरभाई गोयल ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन में सेवाधाम आश्रम के 20 जोड़े सहित 50 से अधिक जोड़े बन जायेंगे। इनमें 5 से अधिक मुस्लिम जोड़े और उतने ही सामान्य और दिव्यांग के जोड़े भी बनना प्रस्तावित है। इन जोड़ों में मूक-बधिर और बहुदिव्यांग शामिल हैं। यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि सामान्य युवक-युवतियां भी दिव्यांग युवक-युवतियों से विवाह करने के इच्छुक हैं। कई लोगों ने मंच पर आकर अपनी इच्छा जाहिर की है। जोड़ों की निरन्तर काउंसलिंग की जा रही है और उनके परिवारजनों से सतत सम्पर्क किया जा रहा है।
दताना निवासी 28 वर्षीय पैर से दिव्यांग लाखन ने आजमपुर निवासी मूक बधिर संतोषबाई को अपने जीवन साथी के रूप में पसन्द किया। उनके परिवारजनों ने आपस में बातचीत कर दोनों को शुभकामनाएं दी। लाखन ने कहा कि इस प्रकार के परिचय सम्मेलन से दिव्यांगजनों को भी अपने जीवन साथी को चुनने में बहुत सहायता मिलती है। ऐसे सम्मेलन हम सभी के लिये आशा की किरण साबित हुए हैं। लाखन ने कहा कि वे पहली बार परिचय सम्मेलन में आये। यहां उनकी मुलाकात संतोषबाई से हुई। दोनों ने एक-दूसरे को पसन्द किया। लाखन ने अपने माता-पिता से कहा कि उन्हें संतोषबाई पसन्द है और फिर दोनों के माता-पिता मिले। जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उनकी काउंसलिंग की गई और विवाह के लिये सहमत किया गया।
उज्जैन के पास दताना में रहने वाले जितेन्द्र खेती-बाड़ी करते हैं। वे मूक-बधिर हैं। परिचय सम्मेलन में उनकी मुलाकात लाखाखेड़ा निवासी प्रियंका पिता उमरावसिंह से हुई। दोनों के माता-पिता ने आपसी बातचीत से आगे विवाह के सम्बन्ध में निर्णय हेतु काउंसलिंग की।
नीमच से आये अर्जुनसिंह पिता रामसिंह ने बताया कि समाचार-पत्रों के माध्यम से उन्हें दिव्यांगजनों के परिचय सम्मेलन की जानकारी प्राप्त हुई थी। वे अपनी बहन के लिये यहां सुयोग्य वर   चयन के लिये आये हैं। शासन की ओर से यहां बहुत अच्छी व्यवस्थाएं की गई है। आगर-मालवा निवासी कमलेश मित्तल जो कि मूक-बधिर हैं, अपने पिता और बड़े भाई के साथ परिचय सम्मेलन में आये थे। यहां उन्हें सेवाधाम आश्रम की मूक-बधिर प्रिया पसन्द आई और अब काउंसलिंग के माध्यम से उनके रिश्ते की बात आगे बढ़ाई जायेगी।
शहर की ही बहादुरगंज में रहने वाले 22 वर्षीय प्रदीप सामान्य हैं। उन्होंने पैर से दिव्यांग संगीता से विवाह करने की इच्छा जाहिर की, जिस पर सभी समाजसेवियों और अधिकारियों द्वारा उनकी मंशा का सम्मान किया गया और उन्हें प्रोत्साहित किया गया। प्रदीप के माता-पिता भी संगीता से विवाह करने के इच्छुक हैं। इनकी काउंसलिंग भी आगे की जायेगी। इसी प्रकार मक्सी के रामलाल ने भी पैरों से दिव्यांग नेहा हिरवे और अपने जीवन साथी के रूप में पसन्द किया। उज्जैन जिले के निवासी पेशे से मिस्त्री जितेन्द्र ने भी सीताराम आश्रम की मूक-बधिर दिव्यांग रचना से विवाह करने की इच्छा जाहिर की। काउंसलिंग द्वारा दोनों का जोड़ा बन चुका है।
उक्त परिचय सम्मेलन में लगभग सभी धर्मों के दिव्यांग युवक-युवतियों ने भाग लिया और अपने योग्य जीवन साथी की तलाश की। इस परिचय सम्मेलन में आये दिव्यांगजन और उनके माता-पिता तथा परिवारजनों का उत्साह देखते ही बनता था। प्रशासन की ओर से दिव्यांगजनों के भोजन और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी की गई थी।

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