समर्पित कला साधक थे केवलकृष्ण शर्मा
उज्जैन। प्रख्यात चित्रकार केवलकृष्ण शर्मा समर्पित कला साधक थे। रंगों के साथ ही शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्ति में भी वे समर्थ थे। अपनी तूलिका से उन्होंने ऐसे अनूठे चित्र बनाए जो आज भी राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री निवास एवं पंजाब शासन के अनेक कार्यालयों में शोभित हैं। उनकी स्मृति में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन प्रतिवर्ष होता है। हम उनकी स्मृति को प्रणाम करते हुए श्रध्दा सुमन अर्पित करते हैं।
यह उद्गार आस्था समाज रचना सेवा अनुसंधान संस्थान और नीरजा संस्कृति संगम द्वारा आयोजित 19वीं चित्रकला प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए वरिष्ठ चित्रकार डॉ. चंद्रशेखर काले ने व्यक्त किये। दशहरा मैदान स्थित सांदीपनि महाविद्यालय में ज्योतिषाचार्य और केवलकृष्ण शर्मा के सुपुत्र पं. गोविंद शर्मा गुरूजी ने भी श्रध्दांजलि अर्पित की। पं. केवलकृष्ण शर्मा की कला यात्रा पर प्रख्यात कला समीक्षक अशोक वक्त ने प्रकाश डाला। अध्यक्षता वरिष्ठ चित्रकार ब्रज खरे द्वारा की गई। अतिथि स्वागत संस्था अध्यक्ष डॉ. पांखुरी जोशी वक्त ने किया। डॉ. हरीशकुमार सिंह, डॉ. जफर महमूद, सूर्यदेव आलोहन और विजया बाला शर्मा ने पं. शर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। संयोजक राजेश गंधरा ने आभार माना।
यह रहे विजेता
प्रतियोगिता में प्राथमिक स्तर पर चारूल दातवानी, द्वितीय समराह सिध्दिकी, माध्यमिक स्तर पर प्रथम शिवम परमार, द्वितीय विदीशा परमार, उच्चतर माध्यमिक स्तर पर प्रथम पुनीत कदवाने, द्वितीय वैभव तिवारी, प्रोत्साहन निर्णय शर्मा को प्रदान किया। प्रतियोगिता के निर्णायक वरिष्ठ चित्रकार ब्रज खरे एवं भारती जैन थे। प्रतियोगिता में मैत्री जोशी, आयुष पाल, मंथन एवं खुशी को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया।