साधना, प्रार्थना अभ्यास से प्रारंभ हुआ अति विशिष्ट प्रार्थना महायज्ञ
हम इस शरीर के सिर्फ किराएदार, सांस की पूंजी खत्म होते ही आत्मा इस घर रूपी शरीर का त्याग कर देती है- दयालदासजी
उज्जैन। अति विशिष्ट प्रार्थना महायज्ञ तृतीय के द्वितीय दिवस प्रातः 5 बजे साधना व प्रार्थना अभ्यास के माध्यम से आरंभ हुआ। विशिष्ट प्रार्थना महायज्ञ स्थल पर पूर्व निर्धारित समयानुसार वैदिक विद्वानों के द्वारा पूजन व मंत्रोच्चारण से प्रारंभ हुआ।
प्रातः 10ः30 बजे सत्संग स्थल पर पूज्य साहिब दयाल दास का मंच पर आगमन व भक्तों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। सत्संग मंच का संचालन कवि डॉ. ओम बैरागी द्वारा किया गया। साहिब दयाल दास द्वारा उनके वचनों से मनुष्य जीवन में अनेक समस्याओं, शंकाओं और जीवन के कर्मों में अनेक बंधनों में बंधे होने धर्म मार्ग पर चलने में आ रही अनेक बाधाओं से मुक्त होने का मार्ग बताया। दयाल दासजी ने अपने सत्संग में कहा कि हम जहां रहते हैं वह हमारा घर नहीं यह परदेस है। हम इस शरीर के सिर्फ किराएदार हैं। सांस की पूंजी खत्म होते ही आत्मा इस घर रूपी शरीर का त्याग कर देती है हम कर्म बंधन से मुक्त नहीं हो पाते। हमें स्वतंत्रता मिली पर हम उस स्वतंत्रता को कर्म से अच्छा या बुरा का भेद नहीं कर पाते। तप से राज-राज से नर्क यह हिसाब हमारे कर्म तय करते हैं यह मार्ग हम सबको महापुरुषों के मार्गदर्शन से प्राप्त होता है। स्थूल शरीर साधन मात्र है, परम धाम की यात्रा के लिए आपके अंदर परमात्मा विद्यमान है परमात्मा का भजन ही मोक्ष का द्वार खोलेगा। सतगुरु के वचनों का पालन और स्मरण ही हमें मुक्ति देगा।
पूज्य साहिब दयाल जी दास ने अपनी दिव्य वह मधुर वाणी से श्रद्धालुओं को अमृत पान कराया सत्संग के पश्चात सैकड़ों की संख्या में माताओं-बहनों और सभी श्रद्धालुओं ने महायज्ञ कुंड में आहुतियां प्रदान की और अन्न क्षेत्र में भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। शाम 6 बजे महायज्ञ की भव्य आरती का आयोजन प्रत्येक संध्या को आयोजित है यह अति विशिष्ट प्रार्थना महायज्ञ जयगुरुदेव दूरदर्शी धर्म प्रचारक ट्रस्ट द्वारा 11 दिवसीय महायज्ञ आयोजित है। ट्रस्ट द्वारा समस्त नागरिकों व श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है प्रार्थना महायज्ञ के कार्यक्रम प्रभारी आचार्य दीपक शर्मा, पुजारी राकेश बैरागी, राम भागवत, शैलेंद्र शर्मा, भुरू गौंड, मनीष जोशी, नागेश राम, सतीश शर्मा, राहुल जोशी, अर्पित शर्मा व अन्य लोगों का महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त हो रहा है।