किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे जंगली जानवर
वनमंत्री से किसानों की मांग, इन्हें पकड़वाये अन्यथा हमें छूट दें इनसे निपटने की
उज्जैन। जंगली जानवरों द्वारा फसलों को बर्बाद कर दिये जाने से परेशान किसानों ने वनमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि या तो इन जंगली जानवरों को पकड़कर जंगलों में छोड़ा जाये या इनसे निपटने के लिए हमें छुट प्रदान करें।
ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की फसल बर्बाद करने वाले नीलगाय, घोड़ारोज जैसे जंगली जानवरों पर अंकुश लगाये जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) संगठन द्वारा वनमंत्री उमंग सिंगार के नाम ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी घट्टिया को ज्ञापन सौंपा। भारतीय किसान यूनियन के जिला संगठन मंत्री कुं. भगवान सिंह सोलंकी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की खून पसीना एक कर उगाई फसलों को जंगली जानवरों द्वारा बर्बाद किया जा रहा है। नीलगाय, घोड़ारोज द्वारा फसलों को रौंदा जा रहा है तथा खाया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन घट्टिया ने ज्ञापन में मांग की कि इनको पकड़वाया जाए या किसानों को अपने स्तर पर इनसे निजात पाने की शासकीय छूट प्रदान की जाए। तहसील अध्यक्ष संदीप आंजना ने कहा कि अवैध जंगल कटाई पर रोक लगाई जाए ताकि यह जानवर जंगल छोड़कर मैदानी इलाकों में आकर किसानों की फसलों की बर्बादी न कर सकें। तहसील उपाध्यक्ष कमलसिंह सोलंकी, यूनियन के नागुसिंह झाला, पं. संतोष व्यास, गणेश व्यास, भंवरसिंह चौहान, देवनारायण बैरागी, ईश्वरसिंह सोलंकी, गोकुलदास बैरागी, आत्माराम राठौर, गणेश मोगिया सहित क्षेत्र के किसानों ने मांग की कि वन विभाग के माध्यम से नीलगाय, घोड़ारोज सहित अन्य जंगली जानवरों से अतिप्रभावित ग्रामों को चिन्हित कर रेस्क्यू करवाकर दूरदराज जंगलों व अभ्यारण्यों में छुड़वाया जाये। किसानों को उसकी फसल की प्रजाति एवं लागत का मूल्यांकन कर शत प्रतिशत क्षतिपूर्ति कर मुआवजा दिया जाए। घट्टिया तहसील में किसानों की सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसलों को जंगली जानवरों द्वारा बर्बाद कर दिया गया है तथा अभी भी नुकसान जारी है। किसानों को आर्थिक नुकसान एवं उनकी फसलों को बचाने के उपायों के आदेश जिला वनमंडलाधिकारी को प्रदान किये जाए।