परमात्मा से मिलने की तड़पन का नाम ही भक्ति है
उज्जैन। जोधपुर के भागवत प्रेमियों द्वारा उज्जैन में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के कार्यक्रम में रविवार को कथा वाचक सुषमा परिहार ने कहा कि भगवान प्रेम के भूखे होते हैं, भगवान के 24 अवतारों में सबसे ज्यादा भोजन में स्वाद भगवान को केवल दो जगह आया। एक शबरी के घर बेर खाने में और दूसरा विदुरानी के घर केले के छिलके खाने में। कथा वाचक सुषमा परिहार ने बताया कि परमात्मा से मिलने की तड़पन का नाम ही भक्ति है, भरतजी द्वारा रहूगण को आत्म उपदेश देने का वृतांत, हिरण्यकश्यप् का नृसिंह अवतार द्वारा उद्धार, वामन द्वारा राजा बलि से तीन पैर धरती के बदले त्रिलोकी नाप लेने के वृतांत के साथ सूर्यवंश में श्रीरामजी के जन्म से संक्षिप्त में रामकथा सुनाई। श्रीरामजी के जन्म के समय कथा स्थल पर अवध घर आनंद भयो जय राजा राम की, कौशल्या के लालो भयो जय राजा राम की के नारों से वातावरण गूंज उठा। कथा समापन पर आरती समाज अध्यक्ष नारायण गेहलोत, कालुराम भाटी ने की।